जीएसटी के फर्जी रजिस्ट्रेशन और इनपुट टैक्स क्रेडिट के फर्जी दावों को पकड़ने के लिए केंद्र सरकार ने जिस अभियान की शुरुआत की है, उससे देशभर के व्यापारी डरे हुए हैं. व्यापारियों को को शक है कि अभियान की वजह से टैक्स अधिकारी व्यापारियों को उत्पीड़न कर सकते हैं. दिल्ली व्यापार महासंघ ने सरकार के अभियान का तो स्वागत किया है लेकिन साथ में व्यापारियों के डर से सरकार को अवगत भी कराया है. इस सिलसिले में मंगलवार को दिल्ली व्यापार संघ के प्रेसिडेंट राज बावेजा के नेतृत्व में व्यापारियों ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम की प्रेंसिपल कमिशनर रिमझिम प्रसाद को पत्र लिखा है.
व्यापारियों ने प्रेंसिपल कमिशनर से आग्रह किया है कि टैक्स अधिकारी किसी मार्केट, दुकान या परिसर में छापेमारी करने के बजाए उन कारोबारियों पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कह सकते हैं जिनपर फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन या फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का शक है. व्यापारियों ने लिखा है कि GST में करीब 1000 संशोधन हो चुके हैं और उनकी वजह से व्यापारी पहले की कन्फ्यूज हैं, ऐसे में छापेमारी के दौरान जीएसटी पर किसी तरह की जानकारी के अभाव में उन्हें टैक्स अधिकारियों के उत्पीड़न का सामना करना पड़ सकता है.
फर्जी टैक्स इनवॉइस और झूठे इनपुट टैक्स क्रेडिट की पहचान के लिए टैक्स अधिकारियों की तरफ से टैक्स चुकाने वालों के रियल टाइम बैंकिंग लेनदेन की जानकारी जुटाई जा रही है. हाल में कई ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई हैं जिनमें हवाला लेनदेन के लिए फर्जी टैक्स इनवॉइस का सहारा लिया गया है. इसके अलावा ये भी पता चला है कि फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट और शेल कंपनियों के जरिए भी टैक्स चोरी हो रही है. इसी तरह के मामलों की जांच के लिए सरकार ने जीएसटी की जांच को लेकर अभियान छेड़ा हुआ है.
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