मीडिया में लगातार खबरें सामने आ रही हैं कि टेस्ला भारत में मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए जगह तलाश रहा है. बंदरगाह की व्यवस्था की वजह से टेस्ला महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु को तरजीह दे रही है. अब खबर आई है कि टेस्ला का मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाने तमिलनाडु काफी प्रयास कर रहा है. राज्य के उद्योग मंत्री टी. आर. बी तमिलनाडु “पहले से ही देश की ऑटोमोटिव राजधानी है.” अब “हम राज्य को ईवी राजधानी भी बनाने का लक्ष्य रखेंगे.
हर कोशिश करेगा तमिलनाडु
जब उनसे पूछा गया कि क्या टेस्ला उनके रडार पर है, तो राज्य के उद्योग मंत्री टी. आर. बी. राजा ने कहा, “तमिलनाडु सभी वैश्विक कार कंपनियों से इलेक्ट्रिक वाहन की मैन्यूफैक्चरिंग के लिए सभी अवसरों के लिए कोशिश करेगा. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु को ऑटोमेकिंग कौशल के लिए भारत का डेट्रॉइट कहा जाता है. राज्य के पास देश की “सर्वश्रेष्ठ इलेक्ट्रिक वाहन नीतियां और पारिस्थितिकी तंत्र” है.
पीएम मोदी और मस्क की मुलाकात
टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भारत का दौरा करने और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए तैयार हैं. टेस्ला से निवेश आकर्षित करने से मोदी की साख बढ़ेगी. साथ ही उस राज्य का भी फायदा होगा जहां प्लांट लगाया जाएगा. इससे राज्य में रोजगार के मौके पैदा होंगे.
तमिलनाडु में पहले ही कई प्लांट
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई, टेस्ला को लुभा रही है क्योंकि यहां पहले से ही निसान मोटर कंपनी, रेनॉल्ट एसए, हुंडई मोटर कंपनी और बीएमडब्ल्यू एजी के मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट हैं. यह राज्य ऑटो पार्ट्स की सप्लाई चेन का भी घर है. लेकिन इसे अन्य भारतीय राज्यों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा.
बढ़ रही ईवी की मांग
टेस्ला भारत में ईवी प्लांट स्थापित करने पर विचार कर रहा है. चीन में और अमेरिका में डगमगा रही इलेक्ट्रिक कार की बिक्री में चलते टेस्ला भारत में अपनी ग्रोथ बढ़ाना चाहता है. भारत में ईवी की मांग अभी भी बढ़ रही है. भारत ने भी पिछले महीने ईवी पर आयात शुल्क में कटौती की थी और कहा था कि टैक्स में छूट पाने के लिए विदेशी कंपनियों को कम से कम 50 करोड़ डॉलर का निवेश करना होगा और तीन साल के भीतर स्थानीय प्लांट से ईवी का उत्पादन शुरू करना होगा.