दूरसंचार विभाग ने सेवा परिचालकों से अपनी प्रणाली का सुरक्षा ऑडिट कराने के लिए कहा है. एक साइबर सुरक्षा कंपनी के 75 करोड़ भारतीय ग्राहकों से जुड़ी जानकारी में सेंध लगने के दावे के बाद विभाग ने निर्देश जारी किया है. एक सरकारी अधिकारी की ओर से यह जानकारी साझा की गई है. साइबर सुरक्षा कंपनी क्लाउडसेक के दावे के अनुसार, उसके शोधकर्ताओं ने पाया है कि हैक करने वाले डार्क वेब पर 75 करोड़ भारतीय मोबाइल उपभोक्ताओं से जुड़ी जानकारी (1.8 टेराबाइट) या ब्योरा बेच रहे हैं.
हैकर ने आरोप से किया इनकार
क्लाउडसेक ने कहा कि हैकर ने किसी भी उल्लंघन में शामिल होने से इनकार किया है और कानूनी रूप से अघोषित स्रोत के माध्यम से आंकड़े प्राप्त करने का दावा किया है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार परिचालकों से अपनी प्रणाली का सुरक्षा ऑडिट कराने को कहा है. हालांकि, अधिकारी ने कहा कि दूरसंचार परिचालकों ने अनौपचारिक रूप से विभाग से कहा है कि क्लाउडसेक रिपोर्ट में लीक जानकारी का जो दावा किया गया है, वह दूरसंचार ग्राहकों के पुराने आंकड़ों का संकलन लगता है. यह उनकी प्रणाली में किसी भी तरह की गड़बड़ी या कमजोरी के कारण नहीं है.
चेतावनी देने वाले ने आंकड़ों के पैसे की मांग की
सरकारी साइबर सुरक्षा इकाई इंडियन कंप्यूटर एमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-इन) से जुड़ी साइबर खुफिया कंपनी ने कहा कि मामला 23 जनवरी 2024 को सामने आया है. जानकारी साझा करने के हिस्से के रूप में क्लाउडसेक ने संबंधित अधिकारियों और संगठनों को सूचित किया है जो संभवतः उल्लंघन से प्रभावित हुए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि बिक्री के लिए उपलब्ध आंकड़ों के लीक होने से व्यक्तियों और संगठनों दोनों के लिए जोखिम है. चेतावनी देने वाले ने पूरे आंकड़े के लिए 3,000 अमेरिकी डॉलर की मांग की है. बता दें कि साइबर सुरक्षा के लिए काम करने वाली भारत सरकार की संस्था कम्प्यूटर इमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने पिछले साल दिसंबर में सैमसंग के कुछ मोबाइल फोन के लिए एक चेतावनी जारी की थी. CERT-In ने कहा था कि इन मोबाइल फोन में कई खामियां हैं, जो उपभोक्ता सुरक्षा के लिहाज से जोखिम खड़ा कर रही हैं. CERT-In ने एंड्रॉयड वर्जन 11, 12, 13 और 14 पर चलने वाले सैमसंग मोबाइल के लिए हाई सिक्यूरिटी अलर्ट जारी किया था.