सुप्रीम कोर्ट ने बंद किया NCLAT पर अवमानना का केस, जानिए क्‍या है मामला

पीठ ने कॉर्पोरेट विवाद के एक पक्षकार दीपक छाबड़िया पर 1 करोड़ रुपये और मामले में उनकी भूमिका के लिए एक जांचकर्ता पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

सुप्रीम कोर्ट ने बंद किया NCLAT पर अवमानना का केस, जानिए क्‍या है मामला

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के तकनीकी सदस्य आलोक श्रीवास्तव की बिना शर्त माफी स्वीकार कर ली और उनके खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही बंद कर दी. इस बीच, शीर्ष अदालत ने दीपक छाबड़िया पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिन्हें शीर्ष अदालत द्वारा एनसीएलएटी के आदेश को रद्द करने के बाद फिनोलेक्स केबल्स के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पद छोड़ना पड़ा.

सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि न्यायिक सदस्य राकेश कुमार और तकनीकी सदस्य आलोक श्रीवास्तव की राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) की पीठ ने फिनोलेक्स केबल्स मामले में अपना फैसला सुनाकर जानबूझकर उसके 13 अक्टूबर के आदेश की अवहेलना की है.

हालांकि मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने, हालांकि, कुमार और श्रीवास्तव के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही बंद कर दी. इसने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि न्यायिक सदस्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और श्रीवास्तव, जिन्होंने केवल कुमार के निर्देश का पालन किया था, ने बिना शर्त माफी मांगी.

हालाँकि, पीठ ने कॉर्पोरेट विवाद के एक पक्षकार दीपक छाबड़िया पर 1 करोड़ रुपये और मामले में उनकी भूमिका के लिए एक जांचकर्ता पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और कहा कि राशि का भुगतान चार सप्ताह में किया जाएगा. यह राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा की जाएगी.

बेंच ने निर्देश दिया कि इस मामले को चेयरपर्सन न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली एक अन्य एनसीएलएटी पीठ द्वारा नए सिरे से निपटाया जाएगा. इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल के न्यायिक सदस्य और तकनीकी सदस्य को नोटिस जारी कर पूछा था कि फिनोलेक्स केबल्स मामले में शीर्ष अदालत के आदेशों की अवहेलना के लिए उनके खिलाफ अवमानना ​​​​कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए.

एनसीएलएटी पीठ ने शीर्ष अदालत द्वारा पारित यथास्थिति आदेश की अनदेखी करते हुए 13 अक्टूबर को फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट ने फिनोलेक्स केबल्स की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) से संबंधित एनसीएलएटी पीठ के 13 अक्टूबर के फैसले को उसकी योग्यता पर गौर किए बिना रद्द कर दिया था.

Published - October 31, 2023, 12:57 IST