सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, पतंजलि पर कार्रवाई करने में विफल क्यों रही सरकार

न्यायमूर्ति कोहली ने आधुनिक चिकित्सा को अपमानित करने की कंपनी की कोशिशों के बावजूद पतंजलि के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने पर केंद्र से भी सवाल किया.

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, पतंजलि पर कार्रवाई करने में विफल क्यों रही सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने 2 अप्रैल को पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापनों पर किसी तरह का एक्‍शन न लेने पर केंद्र सरकार से सवाल किया है. न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने मंगलवार को इस मामले की सुनवाई की और पतंजली के भ्रामक विज्ञापनों के अवमानना ​​मामले में बाबा रामदेव और पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण की माफी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

आयुर्वेदिक उत्पाद अन्य दवाओं के पूरक

शीर्ष अदालत ने कहा कि उसके पास आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (आयुष) मंत्रालय के लिए प्रश्न हैं. इसमें कहा गया है कि मंत्रालय को अपना रुख स्पष्ट करने में सक्रिय रहना चाहिए था कि आयुर्वेदिक उत्पाद अन्य दवाओं के पूरक हैं और यूजर्स को एलोपैथिक उपचार से दूर रखने का इरादा नहीं है.

AYUSH से किए प्रश्न

न्यायमूर्ति कोहली ने कहा कि हमारे पास AYUSH के लिए प्रश्न हैं. आपने पतंजलि को नोटिस जारी किया और उन्होंने जवाब दाखिल किया और हम सोच रहे हैं कि क्यों हमारे सामने जबाव पेश नहीं किया गया. COVID-19 2022 में था और आपने खुद कहा था कि ये मुख्य दवा के पूरक थे. इसे बिल्कुल भी प्रचारित नहीं किया गया था. COVID-19 के दौरान केंद्र की अनुमति के बिना कुछ भी आगे नहीं बढ़ सकता था और आपने इसे ज्ञात करने के लिए कुछ नहीं किया. यह एक महत्वपूर्ण अवधि थी.

कार्रवाई करने में विफल क्यों रही सरकार

न्यायमूर्ति कोहली ने आधुनिक चिकित्सा को अपमानित करने की कंपनी की कोशिशों के बावजूद पतंजलि के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने पर केंद्र से भी सवाल किया. जस्टिस कोहली ने पूछा कि आयुष के पास सराहना करने के लिए बहुत कुछ है और वे जो कर सकते हैं उसकी एक सीमा है. लेकिन जिस तरह से अन्य विधाओं का अपमान किया गया है वह पूरी तरह से चौंकाने वाला है. उन्होंने दूसरों का मजाक उड़ाया है. क्या आपने प्रतिलेख देखा है?” .न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने कहा कि बाबा रामदेव ने योग के लिए बहुत कुछ किया है. लेकिन इसे बाकी सभी चीजों में कमी करने के लिए नहीं बढ़ाया जा सकता है.

रामदेव और बालकृष्ण को उपस्थित होने का निर्देश

आज की सुनवाई के बाद कोर्ट ने आदेश दिया है कि ड्रग्स एवं लाइसेंस विभाग को भी मामले में एक पक्ष के रूप में जोड़ा जाए. अगली सुनवाई 10 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध की गई है और रामदेव और बालकृष्ण को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है.

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Published - April 2, 2024, 06:55 IST