ताईवान में भयंकर भूकंप की वजह से भारत सहित दुनियाभर में सेमीकंडक्टर की सप्लाई पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. इस वजह से मोबाइल फोन, कंप्यूटर और दूसरे इलेक्ट्रिक उपकरण महंगे हो सकते हैं. बुधवार की सुबह ताईवान में 7.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया है. यह 25 साल में वहां आया सबसे बड़ा भूकंप है. भूकंप की वजह से वहां पर सेमीकंडक्टर बनाने वाली दिग्गज कंपनियों को अपनी इकाइयां दूसरी जगह शिफ्ट करनी पड़ रही हैं. इस वजह से ग्लोबल मार्केट में सेमीकंडक्टर की कीमतें बढ़ने के आसार हैं.
TSMC और ASE टेक्नोलॉजी होल्डिंग कंपनी सहित ताइवानी कंपनियां वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार पर हावी हैं, जो आईफोन से लेकर ऑटोमोबाइल तक अलग-अलग उपकरणों के लिए चिप्स की सप्लाई करती हैं. यह अनुमान लगाया गया है कि स्मार्टफोन और AI-रनिंग सुपर कंप्यूटर को पावर देने वाले सभी सिलिकॉन चिप्स के लगभग 80-90 फीसद ताइवान से आते हैं. यह या तो तैयार SOC या सिलिकॉन वेफर्स के रूप में आते हैं.
ताइवान में भूकंप का खतरा
ताइवान एक प्रमुख फ़ॉल्ट लाइन के पास स्थित है, जहां दो टेक्टोनिक प्लेटें मिलती थीं. इससे यहां बार-बार और कभी-कभी बेहद नुकसानकारी भूकंप आने का खतरा रहता है. चूंकि ताइवान में भूकंप आने का खतरा रहता है, और ताइवान की फ़ैक्टरियां नियमित रूप से छोटी भूकंपीय गतिविधियों के प्रति संवेदनशील रहती हैं, ऐस में एक भी बड़ा झटका सेमीकंडक्टर्स के पूरे बैच को बर्बाद कर सकता है.
प्रभाव का आकलन
TSMC ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि कंपनी की सुरक्षा प्रणालियां सामान्य रूप से कार्य कर रही हैं. कंपनी प्रोटोकॉल के अनुसार, कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ फैब्स को खाली करा लिया गया था. हम फिलहाल प्रभाव की सीमा का आकलन करने की प्रक्रिया में हैं. सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए ताइवान पर बहुत अधिक निर्भरता ने कई वर्षों से उद्योग जगत के नेताओं और सरकारी अधिकारियों के लिए बड़ी चिंताएं पैदा कर दी हैं.
सेमीकंडक्टर्स की वैश्विक कमी
COVID-19 महामारी ने सेमीकंडक्टर्स की वैश्विक कमी को बढ़ा दिया था और जब सिलिकॉन चिप्स की बात आती है तो वैश्विक सप्लाई चेन में मौजूद दोषों को उजागर किया है. न केवल दुनिया भर के उद्योगों को चिप की बड़ी कमी का सामना करना पड़ा है बल्कि जो चिप्स उपलब्ध थे उन्हें आधिकारिक कीमत से 3-4 गुना पर बेचा जा रहा था. हाल ही में सेमीकंडक्टर चिप्स की सप्लाई में सुधार आया था.
प्रीमियम पर बिक रहे थे सेमीकंडक्टर्स
गेमिंग और वीडियो एडिटिंग पीसी, क्रिप्टो माइनिंग और अब AI एप्लिकेशन में उपयोग किए जाने वाले NVIDIA के चिप्स को जल्दी पैसा कमाने की चाहत रखने वाले बिचौलियों द्वारा खरीदा जा रहा था और उन्हें 50 फीसद से 250 फीसद प्रीमियम पर बेचा जा रहा था.
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