एलआईसी के निवेश से जुड़ी जानकारियों का गलत तरीके से इस्तेमाल कर फायदा उठाने के आरोप में बाजार नियामक सेबी ने एलआईसी कर्मचारी पर कार्रवाई की है. सेबी ने उसे फ्रंट रनिंग का दोषी पाया है. जिसके तहत नियामक ने उस पर बाजार में कारोबार पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. सेबी के मुताबिक आरोपी कर्मचारी के पास बीमा कंपनी के निवेश से जुड़ी जानकारियां थी, जिसका इस्तेमाल कर उसने 2.44 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है.
सेबी ने मंगलवार को जानकारी दी कि ये मामला पहली जनवरी 2020 से लेकर 15 मार्च 2022 के बीच का है. नियामक ने जनवरी 2022 और मार्च 2022 के बीच नोटिस प्राप्तकर्ताओं की ओर से संभावित फ्रंट-रनिंग के बारे में अलर्ट मिलने के बाद नियामक जांच शुरू की. इस दौरान सेबी ने 1 जनवरी, 2020 और 15 मार्च, 2022 के बीच के ट्रेडों की जांच की. सेबी ने अपने आदेश में कहा कि मामले में 5 लोगों की मिलीभगत पाई गई है, जिनमें योगेश गर्ग, जो एलआईसी के निवेश विभाग में कार्यरत थे. उनकी मां सरिता गर्ग, उनकी सास कमलेश अग्रवाल, वेद प्रकाश एचयूएफ और सरिता गर्ग एचयूएफ शामिल हैं. सेबी का कहना है कि धोखाधड़ी वाली व्यापारिक गतिविधियों को आगे बढ़ने से रोकने और आरोपी की ओर से कमाई गई राशि को जब्त करने के लिए अंतरिम आदेश पारित किया गया था. ये अंतरिम आदेश 27 अप्रैल, 2023 को नोटिसकर्ताओं को दिया गया था.
जब्त की गई रकम
बाजार नियामक का कहना है कि एलआईसी कर्मचारी के इस गलत रवैये से धारा 12ए का उल्लंघन हुआ है. जिसके चलते कार्रवाई की जा रही है. नियामक ने 2.44 करोड़ रुपए से अधिक का अवैध लाभ जब्त कर लिया है. साथ ही नोटिस प्राप्तकर्ताओं को अगले आदेश तक बाजार में ट्रेड करने से भी रोक दिया है.
एलआईसी ने दी ये सफाई
एलआईसी ने इस मामले पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि यह फ्रंट रनिंग का पुराना मामला है. कंपनी ने हर तरह की फ्रंट रनिंग को रोकने के लिए मजबूत नियंत्रण तंत्र स्थापित किया है. डीलिंग रूम की लेन-देन संबंधी चीजों के लिए सभी कड़े उपाय किए गए हैं. इनमें बायोमेट्रिक द्वारा प्रवेश, सीसीटीवी कवरेज, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर प्रतिबंध आदि शामिल है. इस सिलसिले में उचित प्रशासनिक प्रक्रिया का पालन करने के बाद आरोपी को निगम की सेवाओं से हटाकर उचित कार्रवाई की गई है.
क्या होता फ्रंट रनिंग?
फ्रंट रनिंग गलत तरीके से मुनाफा कमाने का वह तरीका होता है जिसमें कोई शख्स ऐसी जानकारी का इस्तेमाल करता है जो कि बाजार के समक्ष जारी न की गई हो. इसमें इनसाइडरों के पास निवेशकों के ऑर्डर से संबंधित जानकारी पहले से ही उपलब्ध होती है. अगर वे अपने व्यक्तिगत खाते पर लाभ प्राप्त करने के लिए प्रतिभूतियों में व्यापार करने के लिए इस जानकारी का अवैध रूप से उपयोग करते हैं, तो इसे फ्रंट रनिंग कहा जाता है.