भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने फ्रॉड रजिस्ट्री डेटाबेस से रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (RFL) का रिकॉर्ड हटा दिया है. आरएफएल को पहले फ्रॉड टैग दिया गया था. यह निर्णय 18 दिसंबर, 2023 को दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से जारी एक आदेश के बाद लिया गया. हाईकोर्ट ने एसबीआई को धोखाधड़ी पदनाम ( Fraud Designation) को खत्म करने का निर्देश दिया गया था. इसी के तहत एसबीआई ने शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर आरएफएल को इसकी जानकारी दी. आरएफएल रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड की सब्सिडियरी है. एसबीआई, आरएफएल के प्रमुख कर्जदाता है.
बता दें आरएफएल के अकाउंट को लीड बैंक की ओर से ‘फ्रॉड’ एक्सपोजर के रूप में घोषित करने के संबंध में एक रिट याचिका दायर की थी. इसी के तहत दिल्ली हाईकोर्ट ने फ्रॉड टैग हटाने को कहर था. मार्च 2023 में, रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (REL) की सब्सिडियरी आरएफएल ने ऑर्गेनिक कलेक्शन के जरिए 16 कर्जदाताओं के साथ वन टाइम सेटलमेंट (OTS) को पूरा किया था. साथ ही कंपनी ने बैंकिंग सिस्टम को 9000 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान किया था.
आरबीआई ने लगाया था करेक्टिव एक्शन प्लान
आरईएल और आरएफएल से बड़े पैमाने पर फंड्स की हेराफेरी की जानकारी के बाद आरबीआई ने जनवरी 2018 में आरएफएल पर एक करेक्टिव एक्शन प्लान (CAP) लगाया था. रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) की नॉन-बैंकिंग सब्सिडियरी पर एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ का 5,300 करोड़ रुपए बकाया है. आरएफएल 2017 से वित्तीय घाटे का सामना कर रही है. मार्च 2022 तक उसे कुल 2,270 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. अभी आरएफएल आरबीआई की ओर से लगाए गए CAP के हटाए जाने का इंतजार कर रहा है.