पांच साल में दोगुनी हो गई स्वतंत्र निदेशकों की सैलरी

10 में से चार स्वतंत्र निदेशक अब ₹1 करोड़ से अधिक वेतन कमा रहे हैं.

पांच साल में दोगुनी हो गई स्वतंत्र निदेशकों की सैलरी

स्वतंत्र निदेशकों की मांग बढ़ रही हैं. कंपनियां उन्हें अपने बोर्ड में शामिल करने के लिए अच्छी सैलरी का भुगतान भी कर रही है. 15 फीसद के सालाना औसत के साथ टॉप 50 कंपनियों के स्वतंत्र निदेशकों की सैलरी पिछले 5 सालों में दोगुनी हो गई है. डेलॉइट की स्टडी से यह बात पता चली है.

डेलॉइट के अनुसार, कुल मिलाकर, 10 में से चार स्वतंत्र निदेशक अब ₹1 करोड़ से अधिक वेतन कमा रहे हैं, जबकि पांच साल पहले 10 में से केवल एक ही निदेशक इतनी कमाई करता था.

2017-18 और 2022-23 के बीच, लाइफ साइंसेज कंपनियों के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशकों की सैलरी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. हालांकि आईटी सेवा कंपनियों के निदेशकों को सबसे अधिक सैलरी मिलती है.यहां अधिकांश स्वतंत्र निदेशकों की सैलरी 1 करोड़ रुपए से अधिक है. जबकि फाइनेंशियल सर्विसेज में स्वतंत्र निदेशक सबसे कम कमाते हैं.

आईटी कंपनियां अपने स्वतंत्र निदेशकों को औसतन सबसे अधिक वेतन देती हैं, क्योंकि इनके पास दूसरे सेक्टर्स की कंपनियों के मुकाबले चार गुना ज्यादा अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी काम करते हैं. इन निदेशकों की सैलरी वित्त वर्ष 2018 में ₹1.04 करोड़ से बढ़कर पिछले वित्त वर्ष में ₹1.52 करोड़ हो गई है.

वहीं लाइफ साइंसेज उद्योग की बात की जाए तो इन कंपनियों ने अपने स्वतंत्र निदेशकों को अपने साथ बनाए रखने का प्रयास किया है, इसी वजह से यहां सबसे ज्यादा सैलरी हाइक देखने को मिली है. इस सेक्टर में स्वतंत्र निदेशकों के लिए औसत सैलरी वित्त वर्ष 2018 में लगभग ₹30 लाख से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में ₹64.8 लाख और वित्त वर्ष 2022-23 में ₹70 लाख हो गई है.

Published - November 29, 2023, 07:12 IST