फैशन इंडस्ट्री में आजकल काफी कॉम्पीटिशन बढ़ गया है. यही वजह है कि रिलायंस इस क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंदियों को टक्कर देने के लिए ब्रिटिश फैशन रिटेलर प्राइमार्क को भारत लाने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए बातचीत जोरों पर है. 55 साल पुराना ये ब्रिटिश ब्रांड मामूली कीमत वाले कपड़े और जूते बेचने की वजह से लोकप्रिय है. कंपनी पिछले कुछ वर्षों से भारतीय बाजार का मूल्यांकन कर रही थी, रिलायंस के साथ इस बार उसकी बात बनती नजर आ रही है.
प्राइमार्क ज्वाइंट वेंचर या लाइसेंसिंग सोर्स के जरिए रिलायंस के साथ साझेदारी कर सकती है. ऐसा होने पर रिलायंस सस्ते में कपड़े बेच सकता है. मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस के इस कदम से टाटा के जूडियो, लैंडमार्क समूह के स्वामित्व वाले मैक्स और शॉपर्स स्टॉप के इनट्यून को कड़ी टक्कर मिलेगी. उनके ज्यादातर स्टोर हाई स्ट्रीट पर होंगे, जबकि अन्य वैश्विक खुदरा विक्रेता मॉल को प्राथमिकता देते हैं. प्राइमार्क स्थानीय बाजार की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लागत नियंत्रित कर सकता है. साथ ही भारतीय आपूर्तिकर्ताओं से सीधे स्थानीय खुदरा इकाई तक सामान पहुंचा सकता है.
400 से ज्यादा हैं स्टोर
प्राइमार्क का मालिकाना हक लंदन के एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड्स के पास है. कंपनी के अभी वैश्विक स्तर पर 400 से ज्यादा स्टोर है. वहीं 2026 के आखिर तक आउटलेट की संख्या 530 तक पहुंचने की उम्मीद है. कंपनी इसके जरिए बाजार में विस्तार कर रही है. प्राइमार्क एक सफल वैल्यू रिटेल विक्रेता रहा है. कंपनी ने दो कोविड-प्रभावित वर्षों को छोड़कर, पिछले कुछ वर्षों में जबरदस्त रेवेन्यू हासिल किया है. प्राइमार्क के लिए चीन सबसे बड़ा स्रोत देश है, वहीं कंपनी को आपूर्ति करने वाली छोटी से लेकर बड़ी फैक्ट्रियों की संख्या में भारत दूसरे स्थान पर है.
फैशन इंडस्ट्री में पहले से है रिलायंस
रिलायंस पहले से ही फैशन इंडस्ट्री में है. कम रेट वाले सेग्मेंट में उसके पास ट्रेंड्स हैं. कंपनी ने हाल ही में फैशन और लाइफस्टाइल स्टोर Yousta भी लॉन्च किया है, जो भारत में फास्ट-फ़ैशन ब्रांड ज़ारा और H&M से सीधे प्रतिस्पर्धा करता है. रिलायंस के पास वर्तमान में 18,774 से अधिक स्टोर हैं. इनमें सुपरमार्केट के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक्स, आभूषण और फैशन आउटलेट शामिल हैं. रिलायंस ने स्थानीय बिक्री के लिए 80 से ज्यादा ग्लोबल ब्रांडों के साथ साझेदारी व अधिग्रहण किया है.