'वसूली भाई' नहीं कर पाएंगे परेशान, RBI ने उठाया ये कदम

RBI अब एक Digital India Trust Agency या DIGITA का गठन करने वाला है.

'वसूली भाई' नहीं कर पाएंगे परेशान, RBI ने उठाया ये कदम

कार्तिक उस दिन को भूल नहीं पाते जब एक पर्सनल लोन को लौटाने के लिए लोन देने वाली कंपनी ने उनकी बहन को फोन कर दिया था. एकाएक पैसों की जरूरत आ खड़ी हुई और एक डिजिटल लोन ऐप के बारे में पता चला जो बिना किसी पेपरवर्क के इंस्टेंट लोन दे रहा था. लेकिन ये फटाफट लोन कर्तिक के गले की फांस बन गया. पैसों की तंगी चल ही रही थी और कार्तिक से 2 महीने की EMI मिस हो गई. फिर क्या था, लोन ऐप वाले दिनभर में दर्जनों कॉल करने लगे. डराया-धमकाया जाने लगा. पानी सिर के ऊपर से गुजर गया जब उनकी छोटी बहन को कॉल कर दिया.

कार्तिक ने किसी तरह दोस्तों से उधार लेकर लोन चुकाया और वसूली वालों से पीछा छुड़ाया. कार्तिक खुशकिस्मत थे कि इस लोन के जाल से बाहर निकल आए, लेकिन बहुत सारे लोग इन लोन ऐप्स की जाल में ऐसा फंसते हैं कि इनके दबाव में एकस्ट्रीम कदम उठा लेते हैं.

देश में लोन देने वाले गैरकानूनी ऐप तेजी से बढ़ रहे हैं. इनकी वजह से साइबर फ्रॉड के मामले भी बढ़े हैं. ये ऐप साइबर ठगों को आपका डेटा भी बेच रहे हैं. साइबर ठगी का शिकार बनकर लोग अपनी मेहनत की कमाई चंद मिनटों में गंवा रहे हैं.

फर्जी दावे

ये ऐप्स फर्जी दावे और वादे के साथ लोगों को लुभाते हैं. बाद में महंगे इंटरेस्ट रेट लगाते हैं. लोन लेते समय लोगों की फोन की फोटो गैलरी, कॉन्टैक्ट लिस्ट का एक्सेस ले लिया जाता है. समय पर लोन न चुकाने पर ये ऐप धमकी वाले मैसेज, कॉल, ईमेल भेजते हैं. लोगों की फोटो में छेड़छाड़ करके, कॉन्टैक्ट लिस्ट में शामिल लोगों से उन्हें शेयर करने की धमकी दी जाती है. इस तरह लोगों को हैरेस किया जाता है.

RBI की कोशिशें

साइबर ठगी पर रोकथाम के लिए RBI लगातार कोशिशें करता रहा है, लेकिन ये कोशिशें नाकाफी साबित हुई हैं. रिजर्व बैंक ने ऐसे लोन देने वाली कंपनियों की लिस्ट अपनी वेबसाइट पर शेयर की. Google Play Store ने सख्ती से कई ऐसे ऐप को हटाया भी है. लेकिन एक ऐप पर बैन लगाते ही तीन और इस तरह के ऐप सिर उठा लेते हैं.

क्या है DIGITA?

इसीलिए RBI अब एक Digital India Trust Agency या DIGITA का गठन करने वाला है. सूत्रों के मुताबिक प्रस्तावित एजेंसी डिजिटल लोन देने वाले ऐप का वेरिफिकेशन करेगी और वेरिफाइड ऐप का एक पब्लिक रजिस्टर बनाएगी. जिन ऐप पर D-I-G-I-T-A के वेरिफिकेशन का निशान नहीं होगा, उन्हें अन-ऑथराइज्ड माना जाएगा. इससे ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड पर रोक लगाने में मदद मिलेगी.

खबरों के मुताबिक, DIGITA इन लोन लेंडिंग ऐप्स की जांच भी करेगी. वेरिफिकेशन की प्रक्रिया से डिजिटल सेक्टर में ज्यादा ट्रांसपरेंसी और जवाबदेही आएगी और ऑनलाइन पेमेंट सेक्योर होगा. एक बार एजेंसी ने काम करना शुरू कर दिया तो इस तरह के साइबर फ्रॉड और गलत प्रैक्टिस पर रोक लग सकती है.

Published - April 8, 2024, 03:35 IST