पैसों के लेनदेन को लेकर लोगों को आगाह करने वाले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की एक कर्मचारी खुद फ्रॉड का शिकार हो गई. मामला बेंगलुरु का है. कर्मचारी को जालसाज ने 24.5 लाख रुपए का चूना लगाया. आरबीआई कर्मचारी के मुताबिक धोखेबाज ने खुद को एक लॉजिस्टिक कंपनी का कर्मचारी बताया और कहा कि उनके नाम का एक पार्सल मुंबई में जब्त किया गया है, जिसमें अवैध चीजें हैं. ऐसे में चीजों की जांच होने तक उन्हें डिजिटल कस्टडी में रहने को कहा गया. साथ ही अकाउंट वेरिफाई करने के नाम पर उनके खाते से रुपए साफ कर दिए.
जालसाज ने बेंगलुरु में रहने वाली 58 वर्षीय महिला को 6 मई की शाम को फोन किया था. उसने कहा कि मुंबई में उनके नाम पर जो पार्सल जब्त किया गया है उसमें पांच पासपोर्ट, 5 किलो कपड़े और तीन क्रेडिट कार्ड सहित अन्य सामान मिले हैं, जो अवैध हैं. इसकी पूछताछ के लिए उनकी कॉल मुंबई पुलिस को ट्रांसफर की जा रही है. एक दूसरे ठग ने खुद को एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हुए महिला को कहा कि विदेशी स्थान का पार्सल उसके नाम पर था और आईडी प्रूफ के तौर पर उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया था.
आतंकी कनेक्शन से कर्मचारी को डराया
जालसाज की ओर से महिला कर्मचारी को डराने की कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि उनका आतंकवादी एमडी मलिक के साथ संबंध के लिए पूछताछ की जाएगी. इतना ही नहीं जांच पूरी होने तक उन्हें “डिजिटल कस्टडी” में रहना होगा. क्योंकि उनके खाते का मनी लॉड्रिंग के लिए इस्तेमाल किया गया है. जालसाजों ने महिला कर्मचारी से यह भी कहा कि वह कॉल के बारे में किसी को न बताए क्योंकि मामला संवेदनशील है और इसमें अन्य हाई-प्रोफाइल लोग भी शामिल हैं. महिला घबरा गई, उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने ऐसा कोई पार्सल नहीं भेजा है.
अकाउंट वेरिफाई के बहाने ठगे रुपए
घोटालेबाजों ने महिला कर्मचारी से उनके बैंक अकाउंटों को वेरिफाई कराने को कहा. साथ ही उसमें कुछ पैसे ट्रांसफर करने को कहा. उन्होंने महिला को भरोसे में लेने के लिए कहा कि ये रुपए जांच के बाद वापस मिल जाएंगे. लिहाजा महिला ने 7 मई को 14.2 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए. बाद में उसने दूसरे खाते से 5.5 लाख रुपए और तीसरे खाते से 4.8 लाख रुपए भेजे. यानी महिला ने कुल 24.5 लाख रुपए ट्रांसफर किए. हालांकि, अगले दिन महिला को एहसास हुआ कि उनके साथ फ्रॉड हुआ है, उन्होंने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई.