राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को किया जाएगा. इसके बाद से ही अयोध्या में लाखों पर्यटकों के आने की उम्मीद ही. जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में हॉस्पिटैलिटी, यात्रा और पर्यटन उद्योग में बंपर नौकरियों के अवसर बनेंगे. इन क्षेत्रों में लगभग 20,000 अतिरिक्त नौकरियाें का मौका है, जो वक्त के हिसाब से और ज्यादा बढ़ सकती है.
रैंडस्टैड इंडिया के स्टाफिंग और रैंडस्टैड टेक्नोलॉजीज के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी यशब गिरी का कहना है कि अयोध्या में अगले कुछ वर्षों में अनुमानित 3-4 लाख लोग रोजाना आएंगे. जिसकी वजह से यह जगह एक वैश्विक पर्यटन केंद्र में तब्दील होने वाला है. पर्यटकों की आमद में वृद्धि से आवास और यात्रा की मांग पहले से ही बढ़ गई है, जिससे अयोध्या के हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में काफी तेजी आई है. यही वजह है कि यात्रियों की मेजबानी के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे की स्थापना पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. रैंडस्टैड को उम्मीद है कि हर साल पर्यटकों की संख्या बढ़ने के साथ 20,000-25,000 स्थायी और अस्थायी नौकरियां पैदा होंगी. ये नौकरियां होटल स्टाफ, हाउसकीपिंग, फ्रंट-डेस्क प्रबंधन, शेफ और बहुभाषी टूर गाइड के तौर पर होंगी.
टीमलीज के कंज्यूमर एवं ई-कॉमर्स के एक अधिकारी के मुताबिक पिछले छह महीनों में हॉस्पिटैलिटी, यात्रा और पर्यटन से संबंधित विभिन्न भूमिकाओं में कम से कम 10,000 नौकरियां और लगभग 20,000 पदों की नियुक्ति के मौके बने हैं, इनमें होटल कर्मचारी, रसोइया, सर्वर, ड्राइवर आदि शामिल हैं. हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र के कई अधिकारियों के अनुसार, आतिथ्य प्रबंधकों, रेस्तरां और होटल कर्मचारियों, लॉजिस्टिक्स प्रबंधकों आदि क्षेत्रों में हजारों नौकरियां इस साल के अंत या 2025 की पहली छमाही में खुलने की संभावना है. इससे न सिर्फ अयोध्या में बल्कि पड़ोसी शहरों जैसे लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर आदि के लोगों को भी रोजगार का मौका मिलेगा.
हर दिन 2-3 लाख लोगों के आने की उम्मीद
तिरूपति बालाजी मंदिर, जो दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है और जहां पूरे साल भीड़ रहती है. यहां रोजाना औसतन 50,000 भक्तों की भीड़ होती है और त्योहार के दिनों या छुट्टियों पर यह संख्या 100,000 तक पहुंच जाती है. विभिन्न अनुमानों के अनुसार, अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद पहले सप्ताह में 300,000 से 700,000 लोगों के बीच आने की संभावना है.
विशेषज्ञों ने कहा कि अगर आने वाले वर्षों में हर दिन 2-3 लाख लोग अयोध्या के राम मंदिर में आते हैं तो इसका मतलब है कि भक्तों के रहने, रसद और भोजन को पूरा करने के लिए अधिक जनशक्ति की आवश्यकता होगी।
नोएसिस कैपिटल एडवाइजर्स के सीईओ नंदीवर्धन जैन ने कहा, आमतौर पर एक होटल को निर्माण चरण से परिचालन में आने तक 3-4 साल लगते हैं. हालांकि, अयोध्या के मामले में चीजों को तेजी से ट्रैक किया जा सकता है और इसलिए, जनशक्ति की मांग 18 से 24 महीनों के भीतर बढ़ने की उम्मीद है.
होटल कंपनियों की है नजर
होटल कंपनियां देख रही हैं कि अयोध्या में मांग-आपूर्ति की स्थिति कैसी रहती है. वर्तमान में अयोध्या में केवल दो बड़े, ब्रांडेड होटल हैं, जिनमें रेडिसन और सिगनेट है. लेमन ट्री होटल्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पातु केसवानी ने कहा कि उन्हें यकीन है कि अयोध्या में मांग है, लेकिन अभी हम आपूर्ति की स्थिति के बारे में निश्चित नहीं हैं. कई होटल कंपनियां वेट एंड वॉच का रुख अपना रही हैं.