अब आपका गाड़ी से सफर और भी महंगा हो सकता है क्योंकि गाड़ियों में इस्मेताल होने वाली CNG की कीमतें बढ़ सकती हैं. दरअसल, सरकार ने शहरी गैस वितरकों को सस्ती घरेलू नेचुरल गैस के आवंटन में भारी कटौती की है, जिससे इन कंपनियों के लिए गैस खरीदने की लागत बढ़ने की संभावना है. लागत बढ़ने की वजह से कंपनियां सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं.
सरकार शहर के गैस डिस्ट्रिब्यूटर्स को सस्ती घरेलू गैस या एपीएम गैस देती है. अधिकारियों का कहना है कि खाना पकाने के लिए के काम आने वाली गैस की सप्लाई पर सरकार के फैसले का असर नहीं होगा. हालांकि सीएनजी के लिए सप्लाई में कटौती की गई है. बता दें कि एपीएम गैस का इस्तेमाल सीएनजी और उर्वरक बनाने में होता है.
शहरों के गैस कंपनियों की सीएनजी बिक्री में एपीएम गैस की हिस्सेदारी अक्टूबर में 88 फीसद से घटकर करीब 80 फीसद रह गई. सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूटर के एक कर्मचारी के मुताबिक दिसंबर के दूसरे हफ्ते में हिस्सेदारी गिरकर 75-76 फीसद रह जाएगी. बता दें कि पिछले साल के अंत में शहर की गैस कंपनियों की सीएनजी बिक्री में एपीएम गैस की हिस्सेदारी 90 फीसद से ज्यादा थी. सरकारी अधिकारियों के मुताबिक एपीएम आवंटन में कटौती ‘अस्थायी’ है. यह कटौती ओएनजीसी के कम उत्पादन की वजह से की जा रही है. ONGC सप्लाई बढ़ाने के लिए कदम उठा रहा है.
शहरी गैस वितरकों को पिछली तिमाही में उनकी खपत के आधार पर घरेलू गैस आवंटित की जाती है. कम एपीएम आवंटन का मतलब है कि कंपनियों को अन्य जगह से महंगी घरेलू गैस खरीदकर बढ़ी हुई मांग को पूरा करना होगा. मौजूदा समय में एपीएम गैस की 6.5 डॉलर की तुलना में घरेलू गहरे समुद्री गैस की बिक्री 9.96 प्रति एमएमबीटीयू पर हो रही है. लंबी अवधि के कॉन्ट्रैक्ट में आयातित गैस की कीमत लगभग 11-12 डॉलर है.