जल्द ही सड़कों पर गड्ढे आपको परेशान नहीं करेंगे. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ऐसे तकनीक पर काम करने की योजना बना रही है जिससे गड्ढे अपने आप भर जाएंगे. इसके लिए NHAI सड़कों के निर्माण में खुद से मरम्मत करने वाली सामग्री का इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है.
कैसे ठीक होंगे गड्ढे
रिपोर्ट के मुताबिक नए डामर मिश्रण से सड़कों को खुद से मरम्मत करने में सक्षम बनाया जाएगा. इस मिश्रण में स्टील फाइबर और बिटुमेन शामिल होंगे. जब कोई गैप बनेगा तो बिटुमेन उसे भरने के लिए फैल जाएगा. खुद से मरम्मत करने वाली डामर तकनीक में छोटे स्टील ऊन के टुकड़ों को डामर में चिपकने वाले घटक बिटुमेन में मिलाया जाएगा. इस समावेशन से बिटुमेन को हीटिंग की सुविधा मिलती है. हीटिंग प्रक्रिया के माध्यम से, बिटुमेन डामर के भीतर पत्थरों और बजरी से दोबारा जुड़ सकता है. यह दरारों की मरम्मत कर सकता है और गड्ढों के निर्माण को रोक सकता है.
सड़कों के लिए कितना बजट
2024-25 के बजट में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क रखरखाव के लिए 2,600 करोड़ रुपये रखे हैं. यह आवंटन 2023-24 के बजटीय और संशोधित अनुमान से मिलता हुआ है. यह बजट 2022-23 में खर्च किए गए 2,573.66 करोड़ रुपए से मामूली वृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है.
गड्ढों से नुकसान
गड्ढों की वजह से अक्सर ट्रैफिक जाम, वाहनों को नुकसान और कभी-कभी दुर्घटनाएं होती हैं. बरसात का मौसम शुरू होने से स्थिति और भी गंभीर हो जाती है, क्योंकि पानी सड़क की सतहों को और कमजोर कर देता है. नई तकनीक से भविष्य में भारत के सड़क बुनियादी ढांचे में एक सकारात्मक परिवर्तन होगा.
बड़े पैमाने पर किया जाएगा लागू
हालाँकि सड़कों के निर्माण में गड्ढों को खुद से ठीक करने वाली सामग्री का इस्तेमाल करना कोई नई बात नहीं है. लेकिन भारत में इसके बड़े पैमाने पर लागू करने पर विचार किया जा रहा है. NHAI इन सामग्रियों की प्रभावकारिता और लागत का आकलन करने के लिए चुनिंदा राजमार्गों पर छोटे पैमाने पर परीक्षण करने पर विचार कर रहा है. स्व-उपचार राजमार्गों का आगमन निकट भविष्य में भारत के सड़क बुनियादी ढांचे के लिए एक सकारात्मक परिवर्तन की शुरुआत कर सकता है.