ओमान के साथ हो रहे भारत के मुक्त व्यापार समझौते यानी FTA की कुछ शर्तों को लेकर भारत की पेट्रोकैमिकल इंडस्ट्री ने आपत्ति जताई है. इस आपत्ति की वजह से समझौते के पूरा होने में समय लग सकता है. समझौते में ओमान की पेट्रोकैमिकल इंडस्ट्री को टैक्स छूट देने की बात कही जा रही है. इसी को लेकर भारत की इंडस्ट्री ने आपत्ति जताई है. प्लास्टिक इंडस्ट्री में इस्तेमाल किए जाने वाले Polypropylene और Polyethylene जैसे पेट्रोकेमिकल उत्पादों के इंपोर्ट पर ड्यूटी कटौती के मुद्दे पर घरेलू पेट्रोकैमिकल कंपनियों को आपत्ति है.
सार्वजनिक और निजी घरेलू कंपनियों का दावा है कि ओमान की ओर से इन पेट्रोकेमिकल उत्पादों के उत्पादन के लिए कच्चे माल पर स्थानीय उद्योग को भारी सब्सिडी प्रदान की जाती है. उनका कहना है कि अगर भारत की ओर से पहले से ही सब्सिडी वाले इन उत्पादों पर शुल्क में रियायत दी जाती है तो इससे ओमान की कंपनियों को दोहरा फायदा होगा. घरेलू प्लास्टिक निर्माताओं के मुताबिक शुल्क में कटौती से श्रम आधारित सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा.
बता दें कि खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के देशों में ओमान भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है. अगर दोनों देशों के बीच मुक्य व्यापार समझौता होता है तो भारत से निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी. शोध संस्थान जीटीआरआई (ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव) की रिपोर्ट के अनुसार व्यापक मुक्त व्यापार समझौता होने के बाद गैसोलीन, लौह और इस्पात, इलेक्ट्रॉनिक और मशीनरी जैसे 3.7 अरब अमेरिकी डॉलर के भारतीय सामान को ओमान में बढ़ावा मिलेगा. भारत ने मई, 2022 में यूएई के साथ मुक्त व्यापार समझौता लागू किया था. ओमान और यूएई दोनों खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के सदस्य हैं.
अधिकांश मुद्दों पर दोनों पक्षों द्वारा बातचीत पूरी हो चुकी है. खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) देशों में ओमान तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है. 2022-23 में द्विपक्षीय व्यापार 12.39 अरब डॉलर था, जबकि 2018-19 में द्विपक्षीय व्यापार 5 अरब डॉलर था. भारत से ओमान का निर्यात 2018-19 के 2.25 अरब डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 4.48 अरब डॉलर हो गया है.