फोनपे ने 50 फीसद बाजार हिस्सेदारी के साथ यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) से लेकर ऑनलाइन बिल पेमेंट्स तक में अपना दबदबा बरकरार रखा है. भारत बिल पेमेंट्स प्रणाली (BBPS) वेबसाइट के आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है. कंपनी ने 2024 के पहले तीन महीनों के दौरान मूल्य और मात्रा के हिसाब से देश में सभी बिल भुगतान का लगभग आधा हिस्सा अपने नाम कर लिया है.
BBPS सभी यूटिलिटी कंपनियों या बिलर्स को अपने प्लेटफॉर्म पर इकट्ठा करता है और उन्हें बैंकों और कस्टमर पेमेंट ऐप्स से जोड़ता है. देश में 80 फीसद से ज्यादा ऑनलाइन बिल पेमेंट्स BBPS प्लेटफॉर्म के जरिए होता है.
कितनी रही BBPS की ट्रांजेक्शन
मार्च में, BBPS ने 33,600 करोड़ रुपए से ज्यादा की 13.7 करोड़ बिल पेमेंट ट्रांजेक्शन पूरी की. पिछले साल जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान, BBPS हर महीने औसतन लगभग 10.5 करोड़ लेनदेन कर रहा था. इनकी कीमत लगभग 15,000 करोड़ रुपए थी. जबकि इस साल लेन-देन की संख्या केवल 30 फीसद बढ़ी है और कीमत दोगुना से ज्यादा हो गई है.
PhonePe का कब्जा
PhonePe ने मार्च में अपने प्लेटफ़ॉर्म के जरिए 6.7 करोड़ बिल पेमेंट्स के बारे में जानकारी दी थी इसकी कुल कीमत 17,800 करोड़ रुपए थी. इस लिहाज से फोन पे की बाजार हिस्सेदारी मात्रा के आधार पर 49 फीसद और मूल्य के आधार पर 53 फीसद रही.
पेटीएम की एक सहयोगी कंपनी पर भारतीय रिजर्व बैंक की कार्रवाई की वजह से जनवरी और मार्च के बीच मोबाइल ऐप की बाजार हिस्सेदारी में 3 फीसद की गिरावट देखी गई है.
Google Pay की बाजार हिस्सेदारी
मार्च में बिल पेमेंट्स में Google Pay की बाजार हिस्सेदारी 21 फीसद थी. जबकि Paytm की 10 फीसद थी. इसके बाद Cred और Amazon Pay की बाजार हिस्सेदारी लगभग 4 फीसद थी. क्रेड की बैंकों के साथ स्वतंत्र साझेदारी है. वे बिल पेमेंट्स BBPS नेटवर्क से नहीं गुजरते हैं. इसलिए कंपनी के आंकड़ों में यह दिखाई नहीं पड़ता है.
क्या है BBPS
BBPS अलग-अलग बिजली कंपनियों, जल प्राधिकरणों, लोन पेमेंट्स, फास्टैग (टोल भुगतान), ब्रॉडबैंड और मोबाइल बिल पेमेंट्स जैसे दूसरे बिलर्स से बिल पेमेंट्स की देता है. यह संगठन नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की सहायक कंपनी है, जो UPI भी चलाती है. मूल्य के साथ-साथ मात्रा के हिसाब से प्लेटफॉर्म पर सभी बिल पेमेंट्स में बिजली, फास्टैग और कर्ज के भुगतान का हिस्सा 70 फीसद है.
इससे पहले, बैंक, पेमेंट गेटवे जैसे बिलर्स और पेटीएम, मोबिक्विक और फ्रीचार्ज जैसे मोबाइल ऐप अपने प्लेटफॉर्म पर यूटिलिटी बिलर्स को ऑनबोर्ड करते थे. जब से बीबीपीएस आया है, सभी बिलर्स बीबीपीएस प्लेटफॉर्म पर जा रहे हैं.