पेटीएम पर बढ़ी सख्‍ती, CDSL कर रही KYC का रिव्‍यू

CDSL अपनी एजेंसियों के जरिए इन प्लेटफार्मों का नियमित ऑडिट करते हैं, जिससे यह तय किया जा सके कि एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और केवाईसी के आसपास सभी प्रणालियां लागू हैं

पेटीएम पर बढ़ी सख्‍ती, CDSL कर रही KYC का रिव्‍यू

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से पेटीएम पेमेंट बैंक पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद से भुगतान ऐप पर सख्‍ती बढ़ गई है. जिसके चलते देश की सबसे बड़ी सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी CDSL पेटीएम मनी की ओर से अपनाई जाने वाली ग्राहक सत्यापन प्रक्रिया (KYC) का रिव्‍यू कर रही है.

CDSL और अन्य सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (NSDL) अपनी एजेंसियों के जरिए इन प्लेटफार्मों का नियमित ऑडिट करते हैं, जिससे यह तय किया जा सके कि एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और केवाईसी के आसपास सभी प्रणालियां लागू हैं. इस क्षेत्र में उनके केवाईसी मानदंड बैंकिंग सेक्‍टर की तुलना में अधिक कठोर हैं. इसमें हर ग्राहक के केवाईसी का ऑडिट किसी तीसरे पक्ष की ओर से किया जाता है. निवेश प्लेटफार्मों के मामले में, केवाईसी के नियमों का अधिक सख्ती से पालन किया जाता है और नियमित ऑडिट भी होते हैं. नियमों के उल्लंघन पर पेनाल्‍टी लगाई जाती है.

बता दें भारतीय रिज़र्व बैंक ने वन 97 कम्युनिकेशंस की ओर से संचालित धन प्रबंधन इकाई पेटीएम के खिलाफ 31 जनवरी को निर्देश जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि Paytm पेमेंट्स बैंक लिमिटेड किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड साधन, वॉलेट एवं फास्टैग में 29 फरवरी, 2024 के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार न करें. पेटीएम पेमेंट्स बैंक को इस महीने के अंत से बैंकिंग सेवाएं बंद करनी होंगी, हालांकि इस आदेश का पेटीएम मनी पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा.

केवाईसी से जुड़े नियम

ग्राहक सत्यापन यानी वेल्‍थ मैनेजमेंट इंडस्‍ट्री के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है. वेल्थटेक स्टार्टअप्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने एक मीडिया रिपोर्ट में कहा कि डिपॉजिटरी, जो डीमटेरियलाइज्ड फॉर्मेट में निवेशकों के स्वामित्व वाले शेयर रखते हैं वे स्टॉकब्रोकरों पर लगातार जांच करते हैं. जिससे यह तय किया जा सके कि सिर्फ सत्यापित उपयोगकर्ता ही सेवाओं का लाभ उठाए.

एक अन्‍य स्टार्टअप संस्थापक के मुताबिक ज्यादातर नए डीमैट खातों का ऑडिट किसी थर्ड पार्टी से होता है और डिपॉजिटरी हर खाते पर नज़र रखते हैं. ब्रोकर के प्रारंभिक जांच के बाद एक्सचेंज ग्राहक की ओर से जमा किए गए दस्तावेजों की भी जांच करते हैं. तभी कोई ट्रेडिंग शुरू कर सकता है. बाजार नियामक सेबी सेंट्रलाइज्‍ड केवाईसी की अनुमति देता है. मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम और सेबी के केवाईसी पंजीकरण एजेंसी नियमों के अनुसार, डिपॉजिटरी प्रत्येक ग्राहक के केवाईसी को अनिवार्य करती है जिसे ब्रोकर की ओर से किया जाना आवश्यक है. बाजार सहभागियों की केवाईसी रजिस्ट्री सीडीएसएल वेंचर्स संभालती है.

क्‍या कहते हैं आंकड़े?

बेंगलुरु स्थित पेटीएम मनी शेयर बाजारों और म्यूचुअल फंड निवेश पर ध्यान केंद्रित करता है. यह प्रत्यक्ष एमएफ क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी है, जहां थर्ड पार्टी वितरक की भागीदारी के बिना योजनाएं पेश की जाती हैं. हालांकि, पेटीएम मनी स्टॉकब्रोकिंग में पिछड़ गया है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, पेटीएम मनी का सक्रिय ट्रेडिंग ग्राहक आधार 760,000 है. प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से चलने वाली व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) की संख्या लगभग 860,000 है. वहीं प्रतिद्वंद्वी कंपनी ग्रो के लगभग 7.6 मिलियन ग्राहक हैं और ज़ेरोधा के 6.7 मिलियन ग्राहक हैं. बाजार हिस्सेदारी के मामले में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद, पेटीएम मनी ने पिछले वित्तीय वर्ष में शुद्ध लाभ दर्ज किया.

Published - February 8, 2024, 03:59 IST