Paytm Crisis: विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक (paytm payments bank) के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है. विजय शेखर शर्मा पेटीएम पेमेंट बैंक के पार्ट टाइम नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन थे. उनके इस्तीफे के तुरंत बाद बैंक के बोर्ड का पुनर्गठन भी किया गया है. अब सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन श्रीनिवासन श्रीधर बोर्ड के सदस्य होंगे. बाकी बोर्ड के सदस्यों में बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अशोक कुमार गर्ग , रिटायर्ड IAS देबेंद्रनाथ सारंगी और रिटायर्ड IAS रजनी सेखरी सिब्बल शामिल हैं.
विजय शेखर शर्मा सबसे बड़े शेयरहोल्डर
विजय शेखर शर्मा इस बैंक के सबसे बड़े शेयरहोल्डर हैं. विजय शेखर शर्मा की बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इस साल जनवरी में RBI की पेटीएम पर की गई सख्ती के बाद से लगातार ये कयास लगाए जा रहे थे कि जल्दी ही विजय शेखर शर्मा अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. गौरतलब है कि पेटीएम फाउंडर के इस्तीफा देने से पहले दो इंडिपेंडेंट डायरेक्टर बोर्ड से इस्तीफा दे चुके हैं. इसमें एक बैंक ऑफ अमेरिका और प्राइस वाटरहाउस कूपर्स (PWC) के पूर्व कार्यकारी शिंजिनी कुमार हैं जिन्होंने दिसंबर में इस्तीफा दे दिया था, जबकि दूसरी तरफ SBI की पूर्व डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर मंजू अग्रवाल ने भी बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है.
आरबीआई ने क्यों की सख्ती?
दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड साधन, वॉलेट एवं फास्टैग में 29 फरवरी 2024 के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार न करने का 31 जनवरी को निर्देश दिया था. आदेश के बाद से ही कंपनी के शेयर में भी भारी गिरावट आई है. हालांकि अब आरबीआई ने इस आदेश को 15 मार्च तक बढ़ा दिया गया. यानी अब 15 मार्च के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार न करने का निर्देश दिया है. केंद्रीय बैंक का कहना है कि पेटीएम ने लगातार नियमों को अनदेखा किया है, इसमें KYC से लेकर अन्य नियम भी शामिल हैं. आरबीआई की तरफ से बैंक को कई बार चेतावनी भी जारी की गई लेकिन पेटीएम ने उसे भी अनदेखा कर दिया. पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) का सहयोगी है.