पॉपुलर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी सिस्टम चैटजीपीटी (ChatGPT) को अब कृत्रिम एआई (Krutrim AI) टक्कर देने वाला है. इस देसी एआई को ओला (Ola) के को-फाउंडर और सीईओ भाविश अग्रवाल ने तैयार किया है. इसे शुक्रवार को 22 भारतीय भाषाओं में लॉन्च किया गया है. इसके नाम कृत्रिम का भारतीय संस्कृति से सीधा नाता है. हिंदी भाषा में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी को कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहते हैं. संस्कृत में भी आर्टीफीशियल को कृत्रिम कहते हैं. इसी के चलते भाविश ने इसके नाम को भारतीय तर्ज पर रखा है.
यह एक मल्टी-लैंग्वेज मॉडल है. भारत का यह एआई ChatGPT और Bard को तगड़ी टक्कर देगा. ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल ने ओपनएआई के चैटजीपीटी और गूगल के बार्ड की तर्ज पर ‘मेड इन इंडिया’ लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) और जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्लेटफॉर्म कृत्रिम को पेश किया है. इस बारे में ओला के सीईओ भाविश ने कहा कि यह भारत की 22 भाषाओं को समझ सकता है और 10 भाषाओं में टेक्स्ट तैयार कर सकता है, जिसमें मराठी, हिंदी, बंगाली, तमिल, कन्नड़, तेलुगु, उड़िया, गुजराती और मलयालम शामिल है. कृत्रिम टीम के सदस्य भारत और अमेरिका दोनों ही जगहों से काम करते हैं.
कृत्रिम 2 तरह के मॉडल में आएगा. पहला है बेस मॉडल, जिसका नाम ‘कृत्रिम’ है. इसे करीब 2 लाख करोड़ टोकन और एक बड़े डेटा के साथ ट्रेनिंग देकर तैयार किया गया है. वहीं इसके दूसरे मॉडल का नाम कृत्रिम प्रो (Krutrim Pro) है, जो अभी लॉन्च नहीं हुआ है. इसे अगले साल की शुरुआत में लॉन्च करने की प्लानिंग है. ये जटिल समस्याओं को हल करने का एक बड़ा मॉडल होगा.