NPA कम करने की रेस में सरकारी बैंकों ने निजी बैंकों को पछाड़ा

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने निजी क्षेत्रों के बैंकों की तुलना में बेहतर एसेट क्वालिटी की सूचना दी है.

NPA

भारत के सरकारी बैंकों के नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) घट रहे हैं. भारत में सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पिछले छह महीनों में परफॉर्मिंग के स्तर में कमी देखी गई है. वहीं इस दौरान केवल 67 फीसद प्राइवेट बैंकों के NPA में गिरावट दर्ज की गई है. गुरुवार को जारी फिक्की-आईबीए बैंकर्स सर्वे से यह जानकारी मिली है. सर्वे से पता चला कि 77 फीसद रेस्पॉन्डेन्ट बैंकों ने पिछले छह महीनों में एनपीए स्तर में कमी दर्ज की है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने निजी क्षेत्रों के बैंकों की तुलना में बेहतर एसेट क्वालिटी की सूचना दी है.

23 बैंकों ने लिया भाग

फिक्की-आईबीए बैंकर्स सर्वे का 18वां दौर जुलाई से दिसंबर 2023 की अवधि के लिए किया गया था. सर्वे में सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और विदेशी बैंकों सहित कुल 23 बैंकों ने भाग लिया. संपत्ति के आकार के आधार पर वर्गीकृत ये बैंक कुल मिलाकर लगभग 77 फीसद बैंकिंग इंडस्ट्री का प्रतिनिधित्व करते हैं.

3-3.5 फीसद के दायरे में NPA

फिक्की-आईबीए बैंकरों की लिस्ट में शामिल आधे से ज्यादा बैंकों का मानना ​​है कि अगले छह महीनों में ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स 3-3.5 फीसद के दायरे में होंगी.

सरकारी बैंकों का NPA कम

सर्वे में कहा गया है कि ” रेस्पॉन्स देने वाले सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) ने एनपीए के स्तर में कमी का हवाला दिया है. जबकि भाग लेने वाले निजी क्षेत्र के बैंकों में से 67 फीसद बैंकों ने कमी का हवाला दिया है. जबाव देने वाले किसी भी पीएसबी और विदेशी बैंक ने एनपीए के स्तर में वृद्धि की बात नहीं कही है. पिछले छह महीनों में 22 फीसद निजी बैंकों ने वृद्धि दर्ज की है.”

इन क्षेत्रों में बढ़ रहा NPA

सर्वे में भाग लेने वाले ज्यादातर बैंकरों ने कहा है कि फूड प्रोसेसिंग, कपड़ा और इंफ्रासट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में एनपीए का उच्च स्तर जारी है.

गैर-खाद्य उद्योग कर्ज में वृद्धि

सर्वे से यह भी पता चलता है कि अगले छह महीनों में गैर-खाद्य उद्योग कर्ज के लिए नजरिया आशावादी है. 41 फीसद भाग लेने वाले बैंकों को गैर-खाद्य उद्योग कर्ज में 12 फीसद से ऊपर बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जबकि 18 फीसद को लगता है कि गैर-खाद्य उद्योग के कर्ज में वृद्धि 10-12 फीसद के दायरे में होगी.

Published - March 21, 2024, 07:14 IST