पायलट और क्रू मेंबर्स अब प्लेन के अंदर परफ्यूम, माउथवॉश, डेंटल हाइजीन एवं दवाओं समेत कुछ चुनिंदा चीजों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने फ्लाइट के अंदर इन चीजों के रोक को लेकर प्रस्ताव पेश किया है. डीजीसीए का कहना है कि इनमें भारी मात्रा में अल्कोहल होता है. चूंकि उड़ान से पहले या बाद में विमान कर्मियों का ब्रेथलाइजर टेस्ट होता है, मगर चुनिंदा प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने पर ये टेस्ट प्रभावित हो सकता है.
DGCA ने शराब के सेवन के लिए विमान कर्मियों की मेडिकल जांच की प्रक्रिया में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया है. डीजीसीए प्रमुख का कहना है कि यह केवल एक मसौदा सीएआर है जिसे हितधारकों की टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा गया है. इस पर 10 अक्टूबर तक लोगों की राय मांगी गई है.
दरअसल पिछले कुछ वर्षों में फ्लाइट्स में शराब पीकर हंगामा करने, दुर्व्यवहार करने, नशे की हालत में पेशाब कर देने जैसी कई घटनाएं समाने आई हैं. इसके अलावा फ्लाइट के दुर्घटनाग्रस्त होने के भी मामले देखे गए हैं. कुछ केस में एयरलाइन स्टाफ भी नशे में पाए गए हैं. ऐसे में नए नियमों के लागू होने से एयरलाइन्स स्टाफ की गलती की संभावना न के बराबर रहने और अप्रिय घटनाओं को रोकने के मकसद से डीजीसीए ने यह कदम उठाया है.
बता दें डीजीसीए समेत भारत में एयरलाइंस किसी भी उड़ान से पहले ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट को लेकर काफी सख्त रही हैं. ऐसे परीक्षण हमेशा कैमरे की निगरानी में होते हैं.