सड़क दुर्घटना में मौतों का आंकड़ा घटाने के लिए सरकार ने बनाई ये रणनीति

नितिन गडकरी ने कहा कि मंत्रालय का इरादा 2030 तक सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों में 50 प्रतिशत की कटौती करने का है

सड़क दुर्घटना में मौतों का आंकड़ा घटाने के लिए सरकार ने बनाई ये रणनीति

हर साल देश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के चलते लाखों लोग अपनी जान गंवा देते हैं, जबकि कई लोग घायल हो जाते हैं. सड़क हादसों में होने वाली मौतों के इसी आंकड़े को घटाने के लिए सरकार नई रणनीति बना रही है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (MoRTH), नितिन गडकरी ने कहा कि मंत्रालय का इरादा 2030 तक सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों में 50 प्रतिशत की कटौती करने का है. इसके लिए सामाजिक व्यवहार को बदलने और “सड़क सुरक्षा के 4ई” को मजबूत किया जाएगा. इस “4ई” में इंजीनियरिंग (सड़क और वाहन इंजीनियरिंग), प्रवर्तन, शिक्षा और आपातकालीन चिकित्सा सेवा शामिल हैं. गडकरी ने ये बातें सड़क सुरक्षा पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही.

उन्‍होंने यह भी कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वहीं इसमें होने वाली मौतों में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जिसके परिणामस्वरूप सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को 3.14 प्रतिशत का सामाजिक-आर्थिक नुकसान हुआ है. गडकरी ने सड़क दुर्घटना रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह भी कहा कि 60 प्रतिशत मौतें 18 से 35 वर्ष के युवा वर्ग की हुई है, जो काफी चिंताजनक है. दुर्घटना में मृत्यु एक परिवार में कमाने वाले की हानि, नियोक्ता के लिए पेशेवर क्षति और अर्थव्यवस्था के लिए समग्र क्षति है. ऐसे में इसे नियंत्रण में लाने की जरूरत है.

क्‍या कहते हैं आंकड़े?

नवीनतम सड़क दुर्घटना रिपोर्ट से पता चला है कि 2022 में 460,000 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 168,000 मौतें हुईं और लगभग 400,000 लोगों को गंभीर चोटें आईं. इसके अलावा भारत में हर घंटे 53 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और 19 मौतें होती है. 2022 में सड़क दुर्घटना में 70 प्रतिशत से अधिक मौतें दोपहिया सवारों की हुई है और मरने वाले लगभग 50,029 लोग बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाते हुए पाए गए.

इन सुधार प्रक्रियाओं पर दिया गया जोर

मंत्री ने अच्छे यातायात व्यवहार के लिए पुरस्कार की प्रणाली लागू करने की बात कही. साथ ही ड्राइवरों के लिए नियमित आंखों की जांच, संगठनों को उनकी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के हिस्से के रूप में मुफ्त शिविर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया. इसके अलावा सड़क सुरक्षा में अच्छी प्रथाओं के प्रसार के लिए स्कूलों, कॉलेजों, गैर सरकारी संगठनों, स्टार्ट-अप, प्रौद्योगिकी प्रदाताओं, आईआईटी, विश्वविद्यालयों आदि में सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए जागरुकता बढ़ाने पर जोर दिया गया.

Published - January 16, 2024, 07:03 IST