NFRA ने ऑडिटर पर लगाया 50 लाख का जुर्माना, फर्जीवाड़े का आरोप

एनएफआरए ने ऑडिटर को वित्‍त वर्ष 2019 से 2021 के लिए गलत आचरण करने का दोषी पाया

NFRA ने ऑडिटर पर लगाया 50 लाख का जुर्माना, फर्जीवाड़े का आरोप

राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (NFRA) ने क्वेस कॉर्प लिमिटेड मामले में एक ऑडिटर को दोषी पाया है. उस पर पेशे में रहते हुए फर्जीवाड़ा करने का आरोप है. प्राधिकरण ने उस पर 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. एनएफआरए ने ऑडिटर को वित्‍त वर्ष 2019 से 2021 के लिए गलत आचरण करने का दोषी पाया. आयकर महानिदेशक (जांच), बेंगलुरु, ने अगस्त 2022 में 2016-17, 2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21 के लिए दो चार्टर्ड अकाउंटेंट की ओर से जारी फॉर्म 10डीए के आधार पर क्वेस द्वारा आयकर अधिनियम की धारा 80जेजेएए के तहत कुल 1,135.41 करोड़ रुपये की कटौती के दावे के बारे में जानकारी साझा की थी.

आईटी अधिनियम की धारा 80JJAA पात्र उद्यमों को एक मूल्यांकन वर्ष (AY) के दौरान अतिरिक्त कर्मचारी लागत के खिलाफ कटौती का दावा करने की छूट मिलती है. मगर इसमें गतिविधियां संदिग्‍ध पाई गई. तभी एनएफआरए ने प्रमाणीकरण में शामिल चार्टर्ड अकाउंटेंट और उनकी फर्मों के पेशेवर आचरण की जांच करने के लिए कार्रवाई शुरू की थी. जांच में एनएफआरए ने पाया कि ऑडिटर पवन जैन, आयकर अधिनियम के तहत रिपोर्ट जारी करने से पहले ठीक से जांच न करने और पर्याप्त जानकारी प्राप्त करने में विफल रहे हैं. वह वित्त वर्ष 2021 में अतिरिक्त कर्मचारियों की संख्या की सही रिपोर्ट करने और अकाउंट पेयी को चेक/ड्राफ्ट/इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किए गए अतिरिक्त कर्मचारी लागत के भुगतान को भी वेरिफाई करने में नाकामयाब रहे हैं. इसी के चलते उन पर जुर्माना लगाया गया है.

Published - January 5, 2024, 01:26 IST