NCLAT ने जेट एयरवेज पर सुनाया अहम फैसला, जालान कालरॉक के पास रहेगी ओनरशिप

ट्रिब्‍यूनल ने कर्जदाताओं को 90 दिनों में ट्रांसफर का निर्देश दिया है.

NCLAT ने जेट एयरवेज पर सुनाया अहम फैसला, जालान कालरॉक के पास रहेगी ओनरशिप

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने जेट एयरवेज के मालिकाना हक को लेकर अहम फैसला सुनाया है. ट्रिब्‍यूनल ने मंगलवार को स्टेट बैंक की याचिका को खारिज करते हुए जालान कालरॉक कंसोर्टियम (Jalan Kalrock Consortium) को एयरवेज का नियंत्रण ट्रांसफर करने पर अपनी मंजूरी दी है. इससे पहले NCLAT ने मुरारी लाल जालान और कैलरॉक कैपिटल के रेजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दे दी थी, जिसके बरकरार रखा गया है. हालांकि इस फैसले के खिलाफ स्टेट बैंक की अगुवाई में कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स ने NCLAT में अपील की गई थी, जिसे अस्‍वीकार कर दिया गया है.

ट्रिब्‍यूनल ने कर्जदाताओं को 90 दिनों में ट्रांसफर का निर्देश दिया है. साथ ही जालान कैलरॉक कंसोर्टियम को तय सीमा के खत्‍म होने से पहले एक एयर ऑपरेटर का प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए भी कहा. मंजूर किए गए प्लान के तहत पहली किस्त 150 करोड़ रुपए को एडजस्ट किया जाना है. इससे पहले, जालान-कैलरॉक कंसोर्टियम ने जेट एयरवेज के NCLT-अप्रूव्ड ओनरशिप के संबंध में NCLAT से सफाई मांगी थी. जिसमे तर्क दिया गया था कि कि उसके पास एक रेजोल्यूशन प्लान था, लेकिन लेनदारों की समिति, खास तौर पर SBI इससे सहमत नहीं थी, नतीजतन एसबीआई ने कई जगहों पर पर मुकदमे दाखिल किए. SBI की दलीली है कि कंर्सोटियम ने वित्तीय रूप से संकटग्रस्त एयरलाइन में कोई पैसा नहीं लगाया है और न ही ओनरशिप ट्रांसफर के लिए पहले की शर्तों को पूरा किया था. SBI के मुताबिक ट्रिब्‍यूनल की ओर से मंजूर किया गया कंपनी का ये रेजोल्‍यूशन प्लान व्यवहारिक नहीं है. इससे एयरलाइन को दोबारा उठाने में मदद नहीं मिलेगी.

2019 में बंद हुई एयरवेज

जेट एयरवेज को वित्तीय समस्याओं के बीच 2019 में बंद कर दिया गया था. इसके सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक ने एनसीएलएटी के सामने कंपनी के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू की थी. जेट एयरवेज ने बाद में समाधान प्रक्रिया का सहारा लिया और 2021 में एयरलाइन के संचालन को फिर से शुरू करने के लिए सफल समाधान आवेदक के रूप में सामने आया.

Published - March 12, 2024, 06:13 IST