मोबाइल नेटवर्क पोर्टेबिलिटी (MNP) को लॉन्च हुए बारह साल बीत गए हैं. लेकिन आज तक इस सेवा को लेकर ग्राहकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. औसतन, हर महीने 20 लाख से ज्यादा MNP अनुरोध से खारिज कर दिए जाते हैं. इसमें ऑपरेटर की ओर से यूजर्स को गुमराह करना एक अहम वजह है. कई बार कंपनियों के एग्जिक्यूटिव धोखाधड़ी कर ग्राहकों से पोर्टिंग प्रक्रिया को अस्वीकार करने का दबाव डालते हैं, इसके अलावा कंपनियां भी ग्राहकों को लुभावने ऑफर देकर उन्हें रोकने का प्रयास करती हैं.
रिलायंस जियो और MNP इंटरकनेक्शन टेलीकॉम सॉल्यूशंस इंडिया (एमआईटीएस) ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण को पत्र लिखकर नियामक से इस तरह की देरी से बचने के लिए कड़े नियम लागू करने को कहा है.
जियो का दावा है कि MNP रेगुलेशन के साथ दिक्कते हैं. उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने और टीएसपी को खराब ऋण को रोकने के लिए शुरू किए गए कुछ उपाय अब वास्तविक ग्राहकों को परेशान करने और पोर्टिंग को रोकने के उपाय बन गए हैं. उदाहरण के लिए, Jio के अनुसार, बकाया राशि का भुगतान न करने से संबंधित नियम जो ग्राहकों को एक निश्चित ऑपरेटर के नेटवर्क से अपना नंबर पोर्ट करने से रोकते हैं, उन्हें समाप्त करने की आवश्यकता है.
जियो ने यह भी कहा कि एसएमएस-आधारित पोर्ट निकासी प्रक्रिया को भी समाप्त करने की आवश्यकता है, क्योंकि बेईमान टेलीकॉम कंपनियां इसका उपयोग गलत निकासी अनुरोध उत्पन्न करने के लिए कर रही हैं. Jio का दावा है कि जिन टेलीकॉम कंपनियों के नेटवर्क से ग्राहक अपना नंबर पोर्ट कर रहे हैं, वो खुद को उस कंपनी का बताते हैं जिसमें वो पोर्ट करना चाहते हैं और एक प्रक्रिया शुरू करेंगे जो उनके पोर्टिंग अनुरोध को रद्द कर देते.
डीओ (जिस नेटवर्क से नंबर पोर्ट किया जा रहा है) एजेंट, आरओ (वह नेटवर्क जिससे ग्राहक जुड़ना चाहता है) बनकर उन ग्राहकों को कॉल शुरू करते हैं जिन्होंने पोर्ट करना चाहते हैं. फिर कॉल करने वाला ग्राहकों को यह विश्वास दिलाता है कि वह उनके पोर्टिंग प्रोसेस जल्दी हो जाएगी. बस उनके लिए उन्हें एक मैसेज पर भेजी गई लिंक पर क्लिक करना होगा. यह लिंक ‘CANCEL’ कीवर्ड के साथ 1900 पर एक एसएमएस जनरेट करता है. बिना सोचे-समझे ग्राहक को एसएमएस पर भेजे गए लिंक पर क्लिक करने के लिए कहता है. लिंक पर क्लिक करने के बाद उनकी रिक्वेस्ट कैंसिल हो जाती है.
इसी तरह एमएनपी इंटरकनेक्शन (एमआईटीएस) ने अपने पत्र में कहा कि एमएनपी छुट्टियों की संख्या को 19 छुट्टियों से घटाकर 3 छुट्टियां करने की जरूरत है. छुट्टियों के दिन में नंबर पोर्ट नहीं कर सकते हैं जबकि हमेशा छुट्टियों के दौरान पोर्टिंग में वृद्धि देखी जाती है.
MITS ने यह भी कहा कि सरकार को ग्राहकों के बीच जागरूकता अभियान चलाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे गलत कीवर्ड सबमिट करने जैसी गलतियों की वजह से पोर्टिंग न रुके.