इस साल मानसून सीजन (Monsoon) में बरसात को लेकर भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अपना पहला अनुमान जारी कर दिया है. मौसम विभाग ने कहा है कि जून से सितंबर के दौरान देशभर में सामान्य बरसात की संभावना है. हालांकि मौसम विभाग के आंकड़ों को देखें तो अधिकतर संभावना सामान्य से ज्यादा बरसात की लग रही है.
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक इस साल 30 फीसद संभावना ऐसी है जब सामान्य से अत्यधिक बरसात होगी, इसके अलावा 31 फीसद संभावना सामान्य से ज्यादा बरसात की भी है. यानी 61 फीसद संभावना ज्यादा बरसात की ही है. सामान्य बरसात की संभावना 29 फीसद आंकी गई है. हालांकि 8 फीसद आशंका सामान्य से कम बरसात की भी आंकी गई है और 2 फीसद आशंका तो सूखे की भी है.
हर साल मानसून सीजन यानी यानी जून से सितंबर के दौरान देशभर में औसतन 87 सेंटीमीटर बरसात होती है, तो उसे समान्य बरसात माना जाता है. इस सामान्य के मुकाबले अगर 90 फीसद या इससे कम बरसात हो तो सूखा घोषित किया जाता है और 91-95 फीसद बरसात होने की स्थिति में सामान्य से कम बारिश माना जाता है. वहीं बरसात का आंकड़ा अगर 96 फीसद से 104 फीसद के ऊपर हो तो ही उसे सामान्य बरसात कहा जाता है, इसी तरह 105 फीसद से 110 फीसद बरसात होने की स्थति में सामन्य से ज्यादा और 110 फीसद से ज्यादा बरसात होने की स्थिति में अत्याधिक बरसात माना जाता है.
देश में मानसून सीजन की शुरुआत आधिकारिक तौर पर 1 जून से होती है, हालांकि मानसून की शुरुआत तभी मानी जाती है जब यह केरल के तट से टकराता है. और मानसून के केरल के तट से टकराया तभी माना जाता है जब केरल के 14 मौसम सब डिविजन में किन्हीं 60 फीसद सब डिविजन में 10 मई के बाद लगातार 2 दिन तक 2.5 सेंटीमीटर बरसात दर्ज की जाए. इसके अलावा मानसून को घोषित करने में हवा की गति को भी आधार माना जाता है.