दिवाली के त्योहार के दौरान मिठाइयों में मिलावट की जांच करने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने देशभर में अपने 4,000 राज्य स्तरीय अधिकारियों को मिठाई खुदरा विक्रेताओं और बनाने वालों की निगरानी तेज करने का निर्देश दिया है. भारत में सबसे अधिक मिलावट दूध में की जाती है और अधिकतर मिठाइयां दूध के उत्पादों से ही बनाई जाती हैं.
एफएसएसएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जी. कमला वर्धन राव ने कहा कि आमतौर पर दिवाली के त्योहार पर मिठाइयों की खपत बढ़ जाती है. हमने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपने अधिकारियों को मिठाइयों में मिलावट की जांच के लिए निगरानी तेज करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को दुकानों का निरीक्षण करने और गुणवत्ता की जांच के लिए नमूने एकत्र करने के लिए कहा गया है. उनसे गुणवत्ता मानदंडों का अनुपालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा गया है.
इस बीच, एफएसएसएआई ने इस साल निगरानी नमूनों की संख्या बढ़ाकर एक लाख कर दी है और अगले साल यह बढ़कर सात लाख हो जाएगी. राव ने साथ ही बताया कि दूध और दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता की जांच करने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा संयुक्त रूप से एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में करीब 10,000 नमूने एकत्र किए जाएंगे. यह सर्वेक्षण एक महीने में पूरा हो जाएगा.