राजर्षि भूपेंद्र मोदी के नेतृत्व वाला मोदी ग्रुप जल्द ही अपने व्यवसाय का विस्तार करने जा रहा है. इसके लिए समूह विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में अगले 5 वर्षों में 6000 करोड़ रुपए का निवेश करेगा. इस बात की घोषणा दिल्ली में शुक्रवार को कंपनी की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में की गई. समूह का मकसद सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देना है. इसके लिए हेल्थकेयर सेक्टर से लेकर प्रौद्योगिकी-आधारित बुनियादी ढांचे को विकसित किया जाएगा. समूह की ओर से किया जाने वाला निवेश पीएम मोदी के 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था को हासिल करने के लक्ष्य पर निर्धारित है.
मोदी ग्रुप का मुख्य फोकस स्वास्थ्य, कल्याण और प्रौद्योगिकी पर है. समूह इन महत्वाकांक्षी विकास योजनाओं से भारत के शहरों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करेगी. रोजगार के माध्यम से हजारों लोगों के जीवन को सशक्त बनाकर देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में मदद मिलेगी. समूह ने बताया कि वो पहले से ही 1000 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाएं शुरू कर चुका है.
इन प्रोजेक्ट पर किया जा रहा काम
मोदी समूह ने कहा कि निवेश कार्यक्रम के तहत दिल्ली में साकेत हेल्थ सिटी को एक व्यापक स्वास्थ्य सेवा केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है. जिसमें चिकित्सा कार्यालय भवन, 24,000 से अधिक बिस्तरों की सुविधाएं, कल्याण निवास, वृद्धावस्था देखभाल और अन्य सुविधाएं शामिल की जाएंगी. इस योजना में टेक्नोलॉजी का भी सहारा लिया जा रहा है. इसके अलावा समूह समग्र कल्याण को बढ़ावा देने में योगदान देगी. इसके लिए योग, ध्यान और आयुर्वेद की जन्मस्थली उत्तराखंड के ऋषिकेश में मोदी योग रिट्रीट का विस्तार किया जाएगा. ऋषिकेश में एक नई इमारत बनाई जाएगी. साथ ही गुजरात के द्वारका में इसकी एक सीरीज शुरू की जाएगी.
आवासीय भवनों के विकास की भी तैयारी
मोदी ग्रुप ने भारत में आवासीय भवनों के विकास के लिए मियामी स्थित रियल एस्टेट दिग्गज डेविड लिंड के साथ साझेदारी की है. इस सहयोग के जरिए एक ब्रांड के तहत दो महाद्वीपों में 30 लाख वर्ग फुट से अधिक रियल एस्टेट परियोजना पर काम किया जाएगा.
इसके अलावा समूह की ओर से मोदीपुर, रामपुर में 2000 करोड़ के महत्वपूर्ण निवेश किया जाएगा. जिसके तहत अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ एक वैश्विक स्मार्ट शहर बनाने की कोशिश की जा रही है. इसमें मल्टीप्लेक्स, मॉल, लक्जरी होटल, शहरी निवास और एआई तकनीक आदि शामिल होगी. मोदी ग्रुप के सीएफओ गुरविंदर पाल सिंह का कहना है कि चरण-1 विकास योजना के एक भाग के रूप में है. जिसके तहत 750 करोड़ रुपए की दो परियोजनाओं का निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है. इसके अलावा 300 करोड़ रुपए की दो और परियोजनाओं की भी नींव रखी गई है.