एमडीएच और एवरेस्ट मसाला विवाद के बाद केंद्र सरकार ने अहम कदम उठाया है. केंद्र ने सभी राज्य सरकारों को मसालों की गुणवत्ता जांचने के निर्देश दिए हैं. इससे पहले, मसाला बोर्ड और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) दोनों ने नियमित सैंपलिंग शुरू की थी.
उत्तराखंड में राज्य के खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने भी राज्य में बनने वाले सभी खाद्य मसालों की जांच के निर्देश दिए हैं. उत्तराखंड में 50 से ज्यादा मसाला निर्माण यूनिट हैं. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त ने कहा कि सभी 13 जिलों के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को मसाला निर्माण इकाइयों में जाकर विभिन्न मसालों की गुणवत्ता की जांचने के लिए नमूना लेने का आदेश दिया है.
भारतीय मसाला निर्यात को खतरा
अनुसंधान संस्था ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की ओर से किए गए एक विश्लेषण के अनुसार गुणवत्ता संबंधी चिंताओं के चलते भारतीय मसाला निर्यात खतरे में आ सकता है. एमडीएच और एवरेस्ट मसाला कंपनियों को लेकर चल रहे विवाद से भारत के आधे से ज्यादा मसाला शिपमेंट प्रभावित हो सकता है. रिपोर्ट में तत्काल आधार पर गुणवत्ता के मुद्दे का समाधान करने की जरूरत पर जोर दिया गया है.
इन देशों ने की कार्रवाई
हाल ही में, फूड स्टैंडर्ड्स ऑस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड ने मंगलवार को घोषणा की कि वह भारतीय कंपनियों एमडीएच और एवरेस्ट के चुनिंदा मसालों की जांच कर रही है. हांगकांग और सिंगापुर में इसी तरह की कार्रवाइयों के बाद ऑस्ट्रेलिया में इन प्रोडक्ट को वापस किया जा सकता है. बता दें यह विवाद उस समय बढ़ गया जब मसालों में कथित तौर पर कैंसरकारी रसायन एथिलीन ऑक्साइड पाए जाने की बात सामने आई. विदेशी फूड सिक्योरिटी एजेंसियों का कहना है कि इन भारतीय मसाला कंपनियों ने जरूरत से ज्यादा एथिलीन ऑक्साइड का प्रयोग है, जो सेहत के लिए हानिकारक है.