पिछले कुछ समय तक मारुति समेत अन्य ब्रांड की कम बजट सेग्मेंट की कारें तेजी से बिक रही थीं. वहीं अब ये पैटर्न बदल गया है. लोग छोटी कारों की जगह बड़ी और लग्जरी कारें खरीदने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं. यही वजह है कि बीएमडब्ल्यू से लेकर मर्सिडीज तक की बिक्री बढ़ गई है. लग्जरी गाडि़यों के नए मॉडल आते ही लोग इसे हाथों हाथ खरीद रहे हैं. पिछली तिमाही में बीएमडब्ल्यू एक्स1 की बिक्री साल दर साल 56% बढ़ी. तो वहीं 3.6 मीटर से कम लंबाई वाली छोटी कारों की बिक्री में गिरावट आई है. ये पहले के मुकाबले पिछली तिमाही में 55% कम हो गई है.
आंकड़ों पर नजर डालें तो बीएमडब्ल्यू ने पिछले महीने के आखिर में अपनी एंट्री-लेवल एसयूवी एक्स1 का इलेक्ट्रिक वर्जन लॉन्च किया था. जिसकी कीमत 66.90 लाख (एक्स-शोरूम, दिल्ली) थी. लॉन्च के तीन घंटे के अंदर ही यह बिक गया. इसी तरह, मर्सिडीज बेंज ने बुकिंग शुरू होने के 6 मिनट के अंदर ही 4-करोड़ (एक्स-शोरूम) की कीमत वाली एएमजी जी63 ग्रैंड एडिशन की सभी 25 यूनिट बेच दीं. जबकि मारुति सुजुकी ऑल्टो की बिक्री, जो एक समय सभी कैटेगरी के बिक्री चार्ट पर हावी थी, इसकी बिक्री सितंबर में समाप्त तिमाही में साल दर साल आधी होकर लगभग 24,000 यूनिट रह गई है. iX1 खरीदने के इच्छुक लोगों को अगले साल तक इंतजार करना होगा, इसके बावजूद वे दूसरी कार लेने में रुचि नहीं रख रहें. जबकि ऑल्टो, स्प्रेसो, सेलेरियो और अन्य छोटी कारों का स्टॉक दो महीने से बिका नहीं है.
बीएमडब्ल्यू ग्रुप इंडिया के अध्यक्ष विक्रम पावाह का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा लोग लग्जरी कार सेग्मेंट में एंट्री कर रहे हैं. इस साल पहली बार लग्जरी कार खरीदने वालों की संख्या ज्यादा है. उनके अनुसार, पिछली तिमाही में भारत में जर्मन लक्जरी कार निर्माता की 76% मांग 31-45 वर्ष की आयु के पहली बार खरीदारों से आई थी, जो पिछले पांच वर्षों में देखा गया उच्चतम रेशियो ज्यादा है. इससे एक सेग्मेंट नीचे यानी 10 लाख रुपये और उससे अधिक कीमत वाले स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) चुन रहे हैं. मारुति सुजुकी के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (मार्केटिंग और सेल्स) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि छोटी कारें इसलिए नहीं बिक रही हैं क्योंकि लोग अपग्रेड कर रहे हैं. सितंबर तक लक्जरी वाहनों की बिक्री 30% बढ़कर 31,000-32,000 यूनिट हो गई है, जिसमें वकील, डॉक्टर, चार्टर्ड अकाउंटेंट और उद्यमी जैसे युवा पेशेवर उन व्यवसायियों की कतार में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने पारंपरिक रूप से इस क्षेत्र में खरीदारी की है.