MP और गुजरात में मजदूरों को सबसे कम दिहाड़ी

वित्त वर्ष 2022-23 में दैनिक मजदूरों को मिलने वाली दिहाड़ी का राष्ट्रीय औसत 345.7 रुपए था.

MP और गुजरात में मजदूरों को सबसे कम दिहाड़ी

मध्य प्रदेश और गुजरात में दिहाड़ी मजदूरों को मिलने वाली दैनिक मजदूरी राष्ट्रीय औसत से भी कम है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2023 को खत्म हुए वित्त वर्ष में मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में दिहाड़ी खेतिहर मजदूरों (पुरुष) को सिर्फ 229.2 रुपए की दैनिक मजदूरी मिलती है, जबकि गुजरात में यह आंकड़ा 241.9 रुपए है. बता दें कि वित्त वर्ष 2022-23 में दैनिक मजदूरों को मिलने वाली दिहाड़ी का राष्ट्रीय औसत 345.7 रुपए था.

रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में एक ग्रामीण खेत मजदूर को अगर महीने में 25 दिन काम मिलता है, तो उसकी मासिक कमाई लगभग 5,730 रुपये प्रति माह होगी, जो चार या पांच लोगों के परिवार के घरेलू खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है. हालांकि केरल में खेतिहर मजदूर को 764.3 रुपए की दिहाड़ी मिलती है और केरल एक मजदूर को एक महीने में 25 दिन के काम के लिए औसतन 19,107 रुपये मिलते हैं. वहीं गुजरात की बात करें तो एक खेतिहर मजदूर की मासिक कमाई करीब 6,047 रुपए है.

रेटिंग फर्म क्रिसिल की गणना के मुताबिक इस साल सितंबर तक शाकाहारी थाली की कीमत 27.9 रुपए और मांसाहारी थाली की कीमत 61.4 रुपये थी. इसका मतलब है कि पांच लोगों के परिवार को शाकाहारी थाली भोजन के लिए 140 रुपये या हर महीने 8,400 रुपए खर्च करने होंगे. वित्त वर्ष 2021-22 में उत्तर प्रदेश और ओडिशा में खेतिहर मजदूरों को मिलने वाली दिहाड़ी क्रमश: 309.3 रुपए और ओडिशा में 285.1 रुपए थी. औद्योगिक राज्य होने का दावा करने वाले महाराष्ट्र में खेतिहर पुरुष मजदूरों को मिलने वाली दिहाड़ी 303.5 रुपए थी.

Published - November 19, 2023, 03:11 IST