मेमोरी चिप की कीमतों में बढ़ोतरी और चीनी युआन के मजबूत होने की वजह से जून तिमाही से स्मार्टफोन की कीमतें बढ़ सकती हैं. हालांकि, उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि अंतरिम बजट से पहले मोबाइल फोन पार्ट्स पर हाल ही में आयात शुल्क में कटौती से कीमतें ज्यादा नहीं बढ़ेंगी. बाजार शोधकर्ता ट्रेंडफोर्स ने कहा कि DRAM (मेमोरी चिप्स) के दो प्रमुख सप्लायर हैं- सैमसंग और माइक्रोन. यह मार्च तिमाही में मेमोरी चिप की कीमतों में 15-20 फीसद की वृद्धि कर सकते हैं. 2024 में DRAM की कम आपूर्ति की वजह से कीमतों में वृद्धि हो सकती है.
सप्लाई की कमी
ट्रेंडफोर्स ने एक जनवरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे प्रोडक्ट्स जहां इन्वेंट्री ज्यादा है उनके कॉन्ट्रैक्ट प्राइस में सिर्फ 3-8 फीसद की वृद्धि होगी. इसके विपरीत कम आपूर्ति वाले प्रोडक्ट्स के कॉन्ट्रैक्ट प्राइस में सिर्फ 5-10 फीसद की बढ़ोतरी का अनुमान है. अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक अगली तिमाही से कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि ज्यादातर विक्रेताओं के पास मार्च तिमाही में पर्याप्त मात्रा में प्रोडक्ट्स की सप्लाई मौजूद है.
खबर के मुताबिक फरवरी के तीसरे हफ्ते से मार्च के पहले हफ्ते में हाई डिमांड की वजह से मेमोरी की कीमतों में 10-15 फीसद की बढ़ोतरी की उम्मीद है. अगर ऐसा होता है, तो सभी को कीमतें बढ़ानी होंगी, लेकिन हालिया शुल्क कटौती से कीमतों को कम करने में मदद मिल सकती है.
मजबूत एक्सचेंज रेट
चीनी की करंसी युआन के मजबूत होने से भी मोबाइल फोन के पुर्जे महंगे हो गए हैं. भारत में स्मार्टफोन ब्रांड चीनी कॉम्पोनेंट्स पर निर्भर है. यह निर्माता अपनी स्थानीय मुद्रा, युआन में सीधे लेनदेन करते हैं जबकि पहले उन्हें डॉलर रेट्स पर भी निर्भर रहना पड़ता था. युआन जून 2023 में 11.32 रुपये के निचले स्तर से उबरकर दिसंबर में 12.08 रुपये हो गया है, जो 6.7% की वृद्धि दर्शाता है, जिससे चीनी कॉम्पोनेंट्स का आयात करने वाले ब्रांडों पर बुरा असर हुआ है.
शुल्क कटौती से फायदा
लेकिन हाल ही में शुल्क में कटौती ममोरी चिप की बढ़ती कीमतें एक्सचेंज रेट बढ़ने की दोहरी मार से बचाएगी. बाजार पर नज़र रखने वालों ने चेतावनी दी है कि अंतिम कीमतों में वृद्धि से मांग को नुकसान हो सकता है. इसलिए, ब्रांडों के लिए हैंडसेट की कीमतें बढ़ाने के बजाय बजट स्मार्टफोन में कम मेमोरी और स्टोरेज की पेशकश करना एक रास्ता हो सकता है.