iPhone यूजर्स पर Mercenary Spyware का खतरा! ऐपल ने जारी किया अलर्ट

एप्पल का कहना है कि उनके यूजर्स Mercenary Spyware अटैक का शिकार हो सकते हैं.

iPhone यूजर्स पर Mercenary Spyware का खतरा! ऐपल ने जारी किया अलर्ट

ऐपल ने दुनिया भर के iPhone यूजर्स को अलर्ट किया है. ऐपल ने कहा है कि भारत समेत दुनिया के 92 देशों के यूजर्स पर Mercenary Spyware अटैक का खतरा मंडरा रहा है. एप्पल का कहना है कि उनके यूजर्स Mercenary Spyware अटैक का शिकार हो सकते हैं. सेलेक्टेड यूजर्स को टारगेट बनाकर इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है. एप्पल ने एक नोटिफिकेशन जारी कर आगाह किया है.

कंपनी ने जारी किया नोटिफिकेशन

दिग्गज टेक कंपनी Apple अपने नोटिफिकेशन में बताया है कि Mercenary Spyware के जरिये भारत समेत दुनिया भर के सेलेक्टेड यूजर्स को टारगेट किया जा रहा है. कंपनी ने यह चेतावनी उस घटना के बाद जारी की है जब कुछ महीने पहले विपक्षी नेताओं ने कहा था कि प्रायोजित हैकरों हैकरों से उनके iphone तक पहुंचने की कोशिश करने की चेतावनी वाले मैसेज मिले हैं. ऐपल की इस नोटिफिकेशन में पेगासस स्पाइवेयर के बारे में भी बताया गया . इसमें विपक्षी नेताओं के जासूसी के आरोपों के चलते साल 2021 में राजनीतिक भूचाल आ गया था.

कंपनी ने यूजर्स को भेजा ईमेल

कंपनी ने अपने यूजर्स को 11 अप्रैल की रात को ईमेल भेज कर कहा है कि स्पाईवेयर अटैक आईफोन यूजर्स के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इस स्पाइवेयर से iphone हैक हो सकता है. इतना ही नहीं, इससे किसी भी यूजर की निजी जानकरियां भी सार्वजनिक हो सकती हैं. हालांकि कंपनी ने अपने बयान में यह कहा है कि ऐपल यूजर्स को कभी भी इस तरह के हमलों के जरिए टारगेट नहीं किया गया है.

स्पाईवेयर अटैकर को रोकना मुश्किल

ऐपल ने अपने यूजर्स को इस खतरनाक स्पाईवेयर से सतर्क रहने को कहा है. यह अटैक नियमित साइबर क्रमिनिनल एक्टिविटी कंज्यूमप मैलवेयर से ज्यादा खतरनाक है. दरअसल, Mercenary Spyware अटैकर विशेष लोगों को टारगेट कर उनकी निजी जानकारियों के लिए उन पर हमला करते हैं. स्पाईवेयर अटैक इतना खतरनाक है कि अक्सर इनकी शेल्फ लाइफ बहुत कम होती है. यानी ये एक बार अटैक कर थोड़े समय में खुद ही नष्ट हो जाते हैं. इसलिए इनके बारे में पता लगाना और इनको रोकना बहुत मुश्किल है.

Mercenary Spyware कैसे करता है अटैक?

Mercenary Spyware एक मालवेयर है जो किसी यूजर्स की जानकारी या उसकी सहमति के बिना स्मार्टफोन और अन्य उपकरणों पर दूर बैठे अटैक करने के लिए बनाया गया है. इस मालवेयर के जरिए हैकर्स दुनिया के किसी भी कोने से किसी भी यूजर के इक्विपमेंट से उसकी निजी जानकारी, उसके डेटा और उसके सभी तरह के कम्युनिकेशन की डिटेल्स चुरा लेते हैं. ये मालवेयर अपने आप नष्ट भी हो जाते हैं. ऐसे में इन्हें रोक पाना या इनकी डिटेल्स मिलना मुश्किल होता है.

पेगासस स्पाईवेयर से मचा था भूचाल

कुछ मामलों में, सरकारों, ख़ुफ़िया एजेंसियों और संवैधानिक नियामकों ने mercenary spyware ख़रीदे भी हैं. इसके जरिए अक्सर राजनीतिक विरोधियों और विरोधाभासी एक्टिविस्टों के क्रियाकलापों पर नजर रखा जाता है. एनएसओ ग्रुप, फिनफिशर और हैकिंग टीम जैसी कई कंपनियां स्पाईवेयर बनाती हैं. गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने एनएसओ ग्रुप से पेगासस स्पाइवेयर ख़रीदा था जिसके जरिये सरकार ने विपक्षी पार्टी के कॉल, ईमेल, संदेश और अन्य फ़ाइलों की जानकारी हासिल कर ली थी. इस घटना के बाद राजनीति में बड़ा बवाल हुआ था. इसके जरिए कई देशों में नेताओं, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के कॉल रिकॉर्ड करने की बात सामने आई थी.

Published - April 11, 2024, 05:21 IST