Cryptocurrency: भारत सरकार सभी उद्देश्यों के लिए Cryptocurrency को एक एसेट या वस्तु के रूप में परिभाषित करने की योजना बना रही है. जिसमें टैक्स लगाने और भुगतान करने और निवेश जैसे उपयोग के मामले शामिल हैं. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने जो नया ड्राफ्ट बिल तैयार किया है उसमें आभासी मुद्राओं को उनके उपयोग के मामलों के आधार पर विभाजित करने का प्रस्ताव है.
बिल में आभासी मुद्रा को लेकर टैक्स लगाने के नियम तैयार किए गए हैं जिसे जल्द ही कानूनी रूप देने की उम्मीद है. यह पहली बार होगा जब क्रिप्टोकरेंसी को उनके द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीक के अनुसार वर्गीकृत किया जाएगा, लेकिन सरकार का ध्यान नियामक उद्देश्यों के लिए एसेट वर्ग के अंतिम उपयोग पर आधारित होगा.
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इस कदम से क्रिप्टो निवेशकों का मनोबल बढ़ेगा और क्रिप्टोकरेंसी की स्वीकृति को बढ़ावा मिलेगा. एक्सपर्ट्स क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सकारात्मक हैं और ज्यादा स्पष्टता के लिए विधेयक का इंतजार कर रहे हैं.
वज़ीर एक्स ( Wazir X) के संस्थापक और सीईओ निश्चल शेट्टी ने कहा कि भारत में सही प्रकार के नियमों के लिए क्रिप्टो को वर्गीकृत करना महत्वपूर्ण है.
क्रिप्टो को मुख्य रूप से विश्व स्तर पर चार प्रमुख श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है जिसमे संपत्ति, उपयोगिता, मुद्रा और सुरक्षा शामिल है. शेट्टी ने कहा कि यह कदम क्रिप्टो उद्योग के लिए बहुत सकारात्मक है और मुझे खुशी है कि सरकार इस दिशा को क्रिप्टो विनियमन (crypto regulation) की ओर ले जा रही है.
शेट्टी के मुताबिक यह पूरे उद्योग के लिए और अधिक स्पष्टता लाएगा और इस क्षेत्र में अधिक उद्यमियों को प्रेरित करेगा. यह भारत में क्रिप्टो उद्योग में निवेश करने के इच्छुक निवेशकों के डर को कम करेगा.
इस कदम से खुदरा निवेशकों और व्यापारियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा. हम सरकार से सकारात्मक दिशा की उम्मीद करते हैं.
मुड्रेक्स (Mudrex) के सीईओ और सह-संस्थापक एडुल पटेल (Edul Patel) ने कहा कि सरकार एक क्रिप्टो बिल का मसौदा तैयार करने की योजना बना रही है जो क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति के रूप में मान्यता देता है. यह सही दिशा में एक बेहतर कदम है.
उन्होंने कहा कि उचित विचार के साथ क्रिप्टो बिल का मसौदा भारत में क्रिप्टो उद्योग के लिए एक गेम-चेंजर हो सकता है. पटेल के मुताबिक क्रिप्टो को उनके उपयोग के आधार पर विभाजित करने का विचार एक अच्छी पहल है.
यदि इसे कुशलता से लागू किया जाता है तो इससे नए मान्यता प्राप्त एसेट वर्ग को बढ़ावा मिलेगा.
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