इंडिगो की इस गलती की वजह से परेशान हुए 76 हजार यात्री

कुल यातायात में इंडिगो की हिस्सेदारी 63.4 फीसद थी.

इंडिगो की इस गलती की वजह से परेशान हुए 76 हजार यात्री

सितंबर में Indigo की उड़ानें रद्द होने या दो घंटे से अधिक की देरी से 76000 यात्री हुए प्रभावित हुए हैं. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. टाटा समूह की स्वामित्व वाली कंपनी एयर इंडिया ने भी सितंबर में 450 यात्रियों को बोर्डिंग से इनकार कर दिया था. सितंबर में सबसे ज्यादा इंडिगो से यात्रियों ने यात्रा की है.

डीजीसीए के आंकड़ों के मुताबिक भारत का घरेलू हवाई यात्री यातायात सितंबर में 29.10 फीसद बढ़कर 1.22 करोड़ हो गया है. पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 1.03 करोड़ था. इस कुल यातायात में इंडिगो की हिस्सेदारी 63.4 फीसद थी.

आंकड़ों के मुताबिक, कुल प्रभावित 76,612 यात्रियों में से 50,945 यात्री इंडिगो द्वारा सितंबर में अपनी उड़ानें पूरी तरह से रद्द करने के बाद प्रभावित हुए, जबकि अन्य 25,667 यात्री एयरलाइन द्वारा महीने के दौरान अपनी उड़ानों में दो घंटे से अधिक की देरी के कारण प्रभावित हुए.

उड़ान रद्द होने से प्रभावित यात्रियों को इंडिगा ने वैकल्पिक उड़ानें और पूर्ण रिफंड प्रदान किया साथ ही एयरलाइन ने विलंबित (दो घंटे से अधिक) उड़ानों के लिए यात्रियों को केवल रिफ्रेशमेंट दिया.

डीजीसीए के आंकड़ों के मुताबिक इंडिगो के अलावा, एयर इंडिया के 24,758 यात्री और स्पाइसजेट के अन्य 24,635 यात्री सितंबर में अपनी कुछ उड़ानों में दो घंटे से अधिक की देरी की वजह से परेशानी उठानी पड़ी है.

प्रभावित यात्रियों को एयर इंडिया ने उन्हें अन्य एयरलाइनों पर उड़ानों की पेशकश की और उन्हें रिफ्रेशमेंट भी दिया और दोपहर का भोजन दिया. एयर इंडिया ने राहत प्रयासों के तहत इन सुविधाओं पर 5.27 लाख रुपये खर्च किए.

डीजीसीए के अनुसार, स्पाइसजेट ने अपनी ओर से यात्रियों की सुविधा के अलावा उन्हें वैकल्पिक उड़ानें और रिफ्रेशमेंट प्रदान करने पर 45.78 लाख रुपए खर्च किए हैं.

Published - October 13, 2023, 05:34 IST