भारत में ज्यादातर कंपनियां कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम खत्म कर वापस ऑफिस बुला रही है. कई कंपनियों ने कोविड के बाद ही कर्मचारियों को ऑफिस बुलाना शुरू किया था. वर्क फ्रॉम कल्चर की वजह से कंपनियों की प्रोडक्टिविटी पर भी बहुत असर पड़ रहा है. साइबर सुरक्षा फर्म नॉर्डलेयर की एक रिपोर्ट में रिमोट वर्क यानी घर से काम करने के मामले में भारत 108 देशों में से 64वें स्थान पर है. ये पिछले वर्ष की तुलना में 15 स्थानों की महत्वपूर्ण गिरावट है.
भारत के डिजटल और भौतिक बुनियादी ढांचे और सामाजिक सुरक्षा को इस गिरावट की वजह माना जा रहा है. साइबर सुरक्षा फर्म नॉर्डलेयर के ग्लोबल रिमोट वर्क इंडेक्स ने चार प्रमुख मानदंडों के आधार पर देशों का मूल्यांकन किया: साइबर सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा, डिजिटल और भौतिक बुनियादी ढांचा और सामाजिक सुरक्षा.
नॉर्डलेयर के प्रबंध निदेशक डोनाटास टैमेलिस ने कहा, “भले ही कुछ बड़ी तकनीकी कंपनियों ने हाल ही में अपने कर्मचारियों को कार्यालय में वापस लाया है या हाइब्रिड वर्क मॉडल पेश किया है, लेकिन अब रिमोट वर्क का कल्चर बना रहेगा. यह सिर्फ एक ट्रेंड नहीं है बल्कि अब लोग वर्क-लाइफ बैलेंस की वजह से इसे काफी पसंद करने लगे हैं.
भारत ने चारों डाइमेंन्शन में खराब प्रदर्शन किया है. भारत का डिजिटल और भौतिक बुनियादी ढांचे में 77वां और सामाजिक सुरक्षा में 74वां स्थान है. रिपोर्ट में भारत का ई-बुनियादी ढांचा दुनिया में सबसे कम विकसित है निकला है जिससे यह 95वें स्थान पर है. इसके अलावा, भारत का इंटरनेट कनेक्शन महंगा होने की वजह से इसे 78वां और खराब क्ववालिटी खराब के मामले में 70वें स्थान पर है.
इस बीच, ग्लोबल रिमोट वर्क इंडेक्स (जीआरडब्ल्यूआई) में सर्वोच्च अंक पाने वाले शीर्ष 10 देश डेनमार्क, नीदरलैंड, जर्मनी, स्पेन, स्वीडन, पुर्तगाल, एस्टोनिया, लिथुआनिया, आयरलैंड और स्लोवाकिया हैं.