कबाड़ बेच कर रेलवे करेगा 5,400 करोड़ की कमाई

रेलवे बोर्ड ने वित्त वर्ष 2024-25 में कबाड़ बेचकर इससे 5,400 करोड़ रुपए कमाने का टारगेट रखा है

कबाड़ बेच कर रेलवे करेगा 5,400 करोड़ की कमाई

भारतीय रेलवे अब कबाड़ बेचकर कमाई करने वाला है, इसके लिए रेलवे ने लक्ष्‍य भी रखा है. रेलवे बोर्ड ने वित्त वर्ष 2024-25 में स्क्रैप बिक्री यानी कबाड़ बेचकर इससे 5,400 करोड़ रुपए कमाने का टारगेट रखा है. यह वित्त वर्ष 2023-24 के लिए निर्धारित किए गए 5,200 करोड़ रुपए के लक्ष्य से 3.8% ज्‍यादा है.

बोर्ड ने इस सिलसिले में एक आदेश भी जारी किया, जिसमें रेलवे और इसके प्रोडक्‍शन यूनिट को जीरो स्‍क्रैप बैलेंस के लक्ष्‍य को बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं. आंकड़ों के अनुसार उत्तर रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 514.06 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड स्क्रैप बिक्री दर्ज की थी. इसे चालू वर्ष में 530 करोड़ रुपए जुटाने का काम सौंपा गया है.

अनुपयोगी चीजों की होती है बिक्री

रेलवे अपनी स्‍क्रैप पॉलिसी में ऐसी चीजों को कबाड़ में बेचता है, जिनका इस्‍तेमाल नहीं होता है या अनुपयोगी होती है. आमतौर पर ज्‍यादातर कबाड़ निर्माण परियोजनाओं में, गेज कंवर्जन प्रोजेक्‍ट में निकलता है. स्क्रैप में रेल और पी-वे सामग्री शामिल होती है, जैसे स्लीपर, फिक्स्चर और फास्टनिंग्स, फिश प्लेट, कंडम कोच, लोकोमोटिव और वैगन आदि. इसके अलावा, रेलवे वर्कशॉप में जमा होने वाले विभिन्न प्रकार के लोहे के सामान, बोगियां, बोगी फ्रेम, कप्लर्स, एम्पटीज, टर्निंग और बोरिंग, धातु के कटे हुए टुकड़े, बैटरी, बिजली के सामान जैसे पंखे, बेकार कंप्रेसर, मोटर जनरेटर, ट्यूब लाइट फिटिंग सामग्री आदि भी कबाड़ में बेची जाती है.

Published - April 25, 2024, 11:24 IST