आपातकालीन स्थितियों में दूर-दराज के इलाकों में मानवीय सहायता पहुंचाने के मकसद से भारतीय वायु सेना ने एक अहम कदम उठाया है. इसके तहत आंध्र प्रदेश के बापटला जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग -16 पर एक इमरजेंसी लैंडिंग सुविधा हवाई पट्टी तैयारी की गई है. इस पर वायु सेना के लड़ाकू विमान जरूरत के समय उतर सकेंगे. मंगलवार को ईएलएफ हवाई पट्टी पर ऑपरेशन को अंजाम भी दिया गया. इस दौरान Su-30 और हॉक लड़ाकू विमानों ने सफलतापूर्वक ओवरशूट किया, जबकि An-32 और डोर्नियर परिवहन विमान उतरे और बाद में पट्टी से उड़ान भरी.
भारतीय वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में पहले से ही इमरजेंसी लैंडिंग व्यवस्था चालू हैं. आंध्र प्रदेश में यह हाल ही में शुरू किया गया है. आपातकालीन लैंडिंग सुविधा (ईएलएफ) हवाई पट्टियां इमरजेंसी के दौरान हवाई संचालन को बेहतर बनाने में मदद करेगी. दूर-दराज के इलाकों में आपदा राहत कार्यों के दौरान यह बहुत काम आएगी. अधिकारी ने कहा कि इस जटिल बहुआयामी गतिविधियों के संचालन के लिए एनएचएआई, जिला प्रशासन, राज्य पुलिस और आईएएफ जैसी नागरिक एजेंसियों के बीच उच्च स्तर के तालमेल और संपर्क को प्रदर्शित किया. इससे पहले इस तरह की टेस्टिंग 29 दिसंबर, 2022 को आयोजित की गई थी. भारतीय वायुसेना केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के साथ चुनिंदा स्थानों पर ईएलएफ के निर्माण के लिए मिलकर काम कर रही है.
4.1 किमी लंबी है ये हवाई पट्टी
भारतीय वायु सेना ने आंध्र प्रदेश के बापटला जिले में एक राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक आपातकालीन लैंडिंग सुविधा हवाई पट्टी तैयार की है, 4.1 किमी लंबी है. वहीं इसकी चौड़ाई 33 मीटर है. इस कंक्रीट हवाई पट्टी का निर्माण भारतीय वायु सेना की ओर से दिए निर्देश के तहत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने किया है. आईएएफ अधिकारियों का कहना है कि इस सुविधा से आकस्मिकताओं के दौरान हवाई संचालन को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.