मरीन इलेक्ट्रिकल्स ने एमएनसी कंपनी कमिंस की भारतीय इकाई कमिंस इंडिया के साथ एक समझौता पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर किया है. इसके तहत मरीन नेवी के शिप के पंप बनाए जाएंगे. इस करार से मरीन इलेक्ट्रिकल्स को अच्छा खासा फायदा होने की संभावना है. मरीन ने एनएसई को दी गई जानकारी में कहा कि यह एमओयू निजी शिप मालिकों के अलावा विशेष रूप से भारतीय नौसेना के लिए विशेष क्षेत्रों में आपूर्ति, कमीशनिंग और बिक्री-बाद सेवाओं, डीजल जनरेटर सेट या पारंपरिक या डीजल-इलेक्ट्रिक कंफिगरेशन के साथ इंटीग्रेटेड प्रोपल्शन और बिजली उत्पादन सॉल्यूशन की सुविधा प्रदान करेगा.
मरीन इलेक्ट्रिकल्स ने एनएसई को दी गई जानकारी में बताया कि उसकी सब्सिडयरी नरहरि इंजीनियरिंग वर्क्स इस समय विस्तार की योजना बना रही है. नरहरि इंजीनियरिंग वर्क्स 1MW की रेंज तक नेवल और मरीन दोनों मोटरों के निर्माण के लिए अपनी मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी का विस्तार करने की प्रक्रिया में है और पालघर में निर्माणाधीन अपनी नई मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी में उसी रेंज के लिए नेवल और मरीन एप्लिकेशन अल्टरनेटर का निर्माण भी शुरू कर रही है.
नरहरि इंजीनियरिंग वर्क्स 1964 से नौसेना इंजीनियरिंग मानकों को पूरा करने वाले कस्टम मेड शॉक ग्रेडेड मोटर्स के निर्माण में माहिर है. नरहरि इंजीनियरिंग वर्क्स 300 किलोवाट की रेटिंग तक नौसेना के जहाजों पर लगाए जाने के लिए उपयुक्त प्रत्येक एप्लिकेशन के लिए मोटर बनाती है.
मरीन इलेक्ट्रिकल्स पंप के क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रही है. पंप सेक्टर में भारत में जो कंपनियां हैं उनमें प्रमुख रूप से शक्ति पंप, डब्ल्यूपीआईएल लिमिटेड और किर्लोस्कर न्यूमैटिक और अन्य हैं. किर्लोस्कर का पहले कमिंस से गठजोड़ था, जो अब मरीन के साथ हो गया है.