संयुक्त राज्य अमेरिका (US) की ओर से वेनेजुएला पर लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दी गई है. इससे भारत के लिए कच्चे तेल के आयात का रास्ता साफ हो गया है. भारत काराकास से तीन साल बाद फिर से तेल ले पाएगा. व्यापार स्रोतों द्वारा साझा किए गए शिपिंग फिक्स्चर के अनुसार निजी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने दिसंबर में लैटिन अमेरिकी देश से तेल लोड करने के लिए तीन टैंकरों की बुकिंग की है.
बता दें 2019 में कराकस पर अमेरिकी प्रतिबंध लगाने से पहले निजी क्षेत्र की रिफाइनर आरआईएल और नायरा एनर्जी, वेनेजुएला के कच्चे तेल के नियमित खरीदार थे. प्रतिबंधों के बाद, वेनेजुएला से तेल आयात बंद हो गया था. कमोडिटी मार्केट एनालिटिक्स फर्म केप्लर के आंकड़ों के अनुसार भारत ने आखिरी बार नवंबर 2020 में वेनेजुएला से कच्चे तेल का आयात किया था. वेनेजुएला 2019 में नई दिल्ली का पांचवां सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता था, जिसने भारतीय रिफाइनरों को करीब 16 मिलियन टन कच्चा तेल उपलब्ध कराया था.
इस साल अक्टूबर में वाशिंगटन ने वेनेजुएला के तेल क्षेत्र पर प्रतिबंधों में ढील दी और छह महीने के लिए बिना किसी सीमा के तेल निर्यात को अधिकृत किया. पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के सदस्य वेनेजुएला के पास दुनिया का सबसे बड़ा तेल भंडार है. हालिया रिपोर्टों से पता चलता है कि प्रतिबंधों में ढील के बाद अन्य खरीदार अब वेनेजुएला से तेल लेने के इच्छुक हैं. कराकस अन्य प्रमुख बाजारों में अपना कच्चा तेल बेचने के लिए उत्सुक दिखाई देता है.
शिपिंग फिक्स्चर के अनुसार तीन सुपर टैंकर आरआईएल ने किराए पर लिए है, जिनमें से प्रत्येक 270,000 टन कच्चे तेल तक ले जाने में सक्षम हैं. दो टैंकरों को अगले सप्ताह में लोड किया जाएगा, जबकि एक को जनवरी की शुरुआत में लोड किया जाना है.
नवंबर में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि अगर वेनेजुएला का तेल छूट पर उपलब्ध हो तो भारत उसे खरीदने को तैयार होगा. भारत कच्चे तेल का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है और अपनी 85 प्रतिशत से अधिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर करता है. पिछले लगभग दो वर्षों में तेल बाजारों में अस्थिरता को देखते हुए, सरकार ने कहा है कि भारत जहां भी सस्ता तेल प्राप्त कर सकता है, वहां से खरीदेगा. नई दिल्ली ने रूसी कच्चे तेल के आयात में उल्लेखनीय वृद्धि की क्योंकि मॉस्को ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद भारी छूट की पेशकश की थी. जानकारों का मानना है कि भारत की ओर से वेनेजुएला से तेल आयात फिर से शुरू करने से चीनी रिफाइनरों द्वारा आयात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.