India Import Of Russian Crude Oil: अप्रैल में भारत का रूसी तेल आयात 9 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. रूस की सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी सोवकॉम्फ्लोट के प्रतिबंध न लगे टैंकरों पर शिपमेंट फिर से शुरू होने के बाद आयात बढ़ा है. शिपिंग और ट्रेड सोर्सेज से मिले टैंकर डेटा से यह पता चला है. फरवरी में अमेरिका ने रूस के प्रमुख टैंकर समूह सोवकॉम्फ्लोट पर प्रतिबंध लगा दिए थे. इसका मकसद तेल की बिक्री से रूस के राजस्व को कम करना था जिसका उपयोग वह यूक्रेन पर आक्रमण का समर्थन करने के लिए कर सकता था. 14 टैंकरों सहित कंपनी के जहाजों पर प्रतिबंध के बाद भारत में रिफाइनरों ने सोवकॉम्फ्लोट से संबंधित टैंकरों में रूसी तेल का आयात करना कुछ समय के लिए बंद कर दिया था.
2022 में यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से पश्चिम ने रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिए और रूसी बंदरगाहों पर लोड किए गए तेल और तेल उत्पादों पर मूल्य सीमा लागू कर दी है.
भारत शीर्ष ग्राहक
दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता देश भारत, रूसी तेल का शीर्ष ग्राहक है. अप्रैल में भारतीय रिफाइनर ने लगभग 18 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) रूसी तेल भेजा. यह पिछले महीने की तुलना में लगभग 8.2% अधिक है. इससे भारत में रूस की हिस्सेदारी बढ़कर लगभग 38% हो गई है जो इससे पिछले महीने में 32% थी.
भारत ने कितना आयात किया तेल
कुल मिलाकर भारत ने अप्रैल में 48 लाख बीपीडी तेल का आयात किया था जो पिछले महीने से 6.5% की गिरावट और अप्रैल 2023 की तुलना में थोड़ा ज्यादा है. रूस भारत के लिए शीर्ष तेल का सप्लायर बना रहा. इसके बाद इराक और सऊदी अरब का नंबर आता है.
बाकी खरीदारी प्रभावित
हालांकि, रूसी तेल की बढ़ी हुई खरीद ने महीने के दौरान भारतीय रिफाइनरों की इराकी और सऊदी अरब के तेल की कुल खरीद को प्रभावित किया है. इस वजह से मार्च में मध्य पूर्वी तेल की हिस्सेदारी 46% से घटकर 41% हो गई
आंकड़ों से पता चलता है कि मध्य पूर्व से कम आयात ने पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन से भारतीय हिस्सेदारी मार्च में 53% से घटाकर अप्रैल में 46% कर दी. रूसी तेल के उच्च आयात ने भारत के आयात में कजाकिस्तान, अजरबैजान और रूस सहित स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल से तेल की हिस्सेदारी को पिछले महीने मार्च में 37% से बढ़ाकर 41% कर दिया है.