दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डायल) ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को गाजियाबाद के हिंडन स्थित भारतीय वायुसेना स्टेशन से वाणिज्यिक उड़ान शुरू करने की अनुमति देने के केंद्र के फैसले के खिलाफ बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. न्यायाधीश सुब्रमण्यम प्रसाद ने इस बारे में केंद्र सरकार और एएआई का रुख पूछा है. दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड ने अपनी दलील में कहा है कि केंद्र सरकार का 31 अक्टूबर, 2023 का फैसला मनमाना, अनुचित और व्यावसायिक रूप से चलने वाला नहीं है.
आईजीआईए का परिचालन करती है डायल
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डायल) जीएमआर की अगुवाई वाले समूह और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण का संयुक्त उद्यम है. यह इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआईए) का परिचालन करती है. डायल ने अपनी याचिका में कहा कि जेवर में एक नया हवाई अड्डा पहले से ही विकसित किया जा रहा है. यह इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGIA) से 150 किमी के भीतर है. हिंडन एयरफोर्स स्टेशन को उन दो हवाई अड्डों के पूर्ण क्षमता पर पहुंचने से पहले ही वाणिज्यिक संचालन की अनुमति दी जा रही है. इससे आईजीआईए की व्यावहारिकता प्रभावित होगी और इसके परिणामस्वरूप सभी तीन हवाई अड्डों का कम उपयोग होगा.
आईजीआईए के विस्तार के लिए डायल ने किया है बड़ा निवेश
अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि आईजीआईए के विस्तार के लिए डायल ने काफी निवेश किया है. उस हवाई अड्डे की क्षमता में काफी तेजी से वृद्धि हुई है. इसके बावजूद केंद्र सरकार ने बिना सुनवाई का अवसर दिए एकतरफा निर्णय ले लिया. हवाई अड्डा बुनियादी ढांचा नीति और नई हवाई अड्डा नीति के संदर्भ में कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किये बिना निर्णय लिया गया है. एक और नये हवाई अड्डे की स्थापना प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से होनी चाहिए थी. अदालत मामले की अगली सुनवाई मार्च में करेगी.