कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़े सदस्यों के लिए अच्छी खबर है. EPFO) से जुड़े 6 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों को भुगतान किए जाने वाले ब्याज पर 10 फरवरी को फैसला हो सकता है. यह फैसला केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ट (CBT) की आगामी 235वीं बैठक में हो सकता है. इस बैठक में वित्त वर्ष 2023-24 में सदस्यों को भुगतान किए जाने वाले ब्याज पर फैसला होगा. सामाजिक सुरक्षा संगठन ने बोर्ड के सभी सदस्यों को पत्र भेज कर केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ट की बैठक में शामिल होने का अनुरोध किया है.
EPF सदस्यों की तरफ से निकाली गई राशि निकासी, EPF खातों से मिले अंशदान और साल के दौरान हुई आमदनी के आधार पर ब्याज तय किया जाता है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि 10 फरवरी को होने वाली बैठकों में ब्याज दरें बढ़ाई जा सकती हैं. इसकी वजह है बढ़ी हुई महंगाई दर और ब्याज दरें. EPFO के पास पिछले साल अच्छा खासा अधिशेष था.
पिछले साल 28 मार्च को EPFO ने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खातों पर वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 8.15 फीसद ब्याज देने की घोषणा की थी. वित्त वर्ष 2022-23 में बांटने के लिए 90,497.57 करोड़ रुपए की शुद्ध आमदनी मौजूद थी. सदस्यों के खातों में ब्याज ट्रांसफर करने के बाद 663.91 करोड़ रुपए अधिशेष का अनुमान लगाया गया था. ऐसा देखा गया है कि अब तक हुई बैठक समाप्त होने के बाद ब्याज दरों की घोषणा हुई है. हालांकि इस बार यह साफ नहीं है कि ब्याज दरों के बढ़ने की घोषणा सार्वजनिक रूप से की जाएगी या फिर नए दिशानिर्देशों के मुताबिक वित्त मंत्रालय से अनुमति के बाद इसकी घोषणा होगी.
पिछले साल जुलाई में श्रम मंत्रालय ने CBT से वित्त मंत्रालय की पूर्व अनुमति के बिना वित्त ब्याज दरों की सार्वजनिक रूप से घोषणा करने को मना किया खा. इसके अलावा CBT में ज्यादा पेंशन को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करने, EPFO में खाली पदों पर भर्ती और EPFO कर्मचारियों के ट्रांसफर को लेकर भी चर्चा हो सकती है.