ऐश-ओ-आराम और शान-ओ-शौकत की जिंदगी जीने वाले गुजरात के एक दंपत्ति ने अब सब कुछ त्यागने का फैसला किया है. बिजनेसमैन भावेश भंडारी और उनकी पत्नी ने अपनी लगभग 200 करोड़ की संपत्ति दान दे दी. अब संन्यास का रास्ता अपना लिया है. वे इस महीने के आखिर में एक कार्यक्रम के दौरान भिक्षु के तौर पर जीवन जीने की घोषणा करेंगे.
दंपत्ति से पहले उनके दोनों बच्चों ने संन्यास जीवन अपनाया था. दंपत्ति की 19 वर्षीय बेटी और 16 वर्षीय बेटे ने 2022 में साधु बनने का फैसला किया था. हिम्मतनगर में रहन वाले इस गुजराती दंपत्ति का कंस्ट्रक्शन का बिजनेस था. उन्होंने अपने बच्चों के नक्शेकदम पर चलते हुए साधु का जीवन अपनाने का फैसला किया. वे जीवन की मोहमाया को त्याग कर मोक्ष पाना चाहते हैं.
दो सफेद कपड़े और एक कटोरा रखने की होगी अनुमति
भावेश भंडारी और उनकी पत्नी 22 अप्रैल को प्रतिज्ञा लेंगे, जिसमें वे सभी पारिवारिक रिश्ते तोड़ने का ऐलान करेंगे. उन्हें कोई भी भौतिकवादी वस्तु रखने की अनुमति नहीं होगी. वे पूरे भारत में नंगे पैर चलेंगे और केवल भिक्षा पर जीवित रहेंगे. उन्हें महज दो सफेद कपड़े, भिक्षा के लिए एक कटोरा और एक एक सफेद झाड़ू रखने की अनुमति होगी. जैन भिक्षु बनने के बाद दंपत्ति को सादा जीवन बिताना होगा.
एमपी के एक अमीर जोड़े ने भी दान दी थी संपत्ति
2017 में, मध्य प्रदेश के एक अमीर जोड़े ने भी संन्यासी बनने के लिए 100 करोड़ की संपत्ति दान कर दी थी. उन्होंने अपनी तीन साल की बेटी को दादा-दादी के पास छोड़ दिया था. 35 वर्षीय सुमित राठौड़ और उनकी 34 वर्षीय पत्नी अनामिका के इस कदम से हर कोई हैरान था. सुमित के भिक्षु बनने से एक दिन पहले, गुजरात राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने उनकी बेटी के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए जोड़े की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में नागरिक और पुलिस प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी.