केंद्र सरकार नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS के तहत गारंटीड पेंशन का प्रावधान कर सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक गारंटीड पेंशन के तौर पर कर्मचारी के अंतिम वेतन के 40-45 फीसद हिस्से के बराबर पेंशन तय हो सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक सरकार की तरफ से गठित उच्च स्तरीय पैनल इसपर रिपोर्ट तैयार कर रहा है.
वर्तमान राष्ट्रीय पेंशन योजना को साल 2004 में शुरू किया गया. यह मार्केट से जुड़ी योजना है. इसके तहत लगभग 87 लाख केंद्र और राज्य-सरकारी कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 फीसद योगदान करते हैं और सरकार 14 फीसद का भुगतान करती है. इस योजना में कर्मचारियों को औसतन 36 फीसद से 38 फीसद तक का रिटर्न मिलता है लेकिन इसके तहत कोई गारंटीड रकम का प्रावधान नहीं है.
नियमों में बदलाव के बाद सरकार कर्मचारी की आखिरी सैलरी का कम से कम 40 फीसद पेंशन के तौर पर मिलेगा. संशोधित पेंशन योजना भी मार्केट से जुड़ी रहेगी. हालांकि सरकार एक आधार राशि सुनिश्चित करेगी. अगर पेंशन की राशि आधार राशी से कम रही तो इसे पूरा करने के लिए सरकार को बीच में आना होगा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक संशोधित नई पेंशन योजना में हाई रिटर्न देने के लिए “बीमांकिक गणना” में कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे. कर्मचारी और नियोक्ता, इस मामले में केंद्र सरकार और राज्यों द्वारा किए गए योगदान के हिस्से में भी बदलाव देखने की संभावना है.
कर्मचारियों को पसंद पुरानी पेंशन
न्यू पेंशन सिस्टम के मुकाबले कर्मचारियों में पुरानी पेंशन सिस्टम ज्यादा पॉपुलर है. पुरानी पेंशन सिस्टम में कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय मिले वेतन का 50 फीसद हर महीने मिलता था. इस योजना में कर्मचारियों को कुछ योगदान भी नहीं करना बल्कि रिटायरमेंट के समय कोष के 40 फीसद हिस्से पर टैक्स का भुगतान करना पड़ता है. जनता का विश्वास जीतने के लिए कुछ राज्यों ने दोबारा पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया है.