देश में महंगाई दर को कम करने से लेकर बैंकों की जमा दर बढ़ाने को लेकर आरबीआई की ओर से की जा रही कोशिशाों में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास की भी अहम भूमिका रही है. उनके इन्हीं शानदार कामों के चलते अमेरिका की मशहूर ‘ग्लोबल फाइनेंस’ पत्रिका में लगातार दूसरे साल उन्होंने अपनी जगह बनाने में कामयाबी हासिल की है. दास को पत्रिका ने लगातार दूसरे साल वैश्विक स्तर पर शीर्ष केंद्रीय बैंकर का दर्जा दिया है. इस सिलसिले में आरबीआई ने सोशल
मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके खुशी जाहिर की.
आरबीआई ने पोस्ट में लिखा, ‘‘यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि लगातार दूसरे साल आरबीआई गवर्नर दास को ‘ग्लोबल फाइनेंस सेंट्रल बैंकर रिपोर्ट कार्ड 2024’ में ‘ए प्लस’ रेटिंग दी गई है.” दास को तीन केंद्रीय बैंक गवर्नरों की सूची में शीर्ष पर रखा गया है, जिन्हें ‘ए प्लस’ रेटिंग दी गई है.
कैसे मिली सर्वश्रेष्ठ रेटिंग?
ग्लोबल फाइनेंस के मुताबिक महंगाई पर नियंत्रण, आर्थिक वृद्धि लक्ष्यों, मुद्रा स्थिरता और ब्याज दर प्रबंधन में सफलता के लिए ‘ए’ से ‘एफ’ कैटेगरी के आधार पर रेटिंग दी गई है. ‘ए’ श्रेणी सबसे बेहतर प्रदर्शन को दर्शाता है, जबकि ‘एफ’ पूरी तरह से विफलता को दर्शाता है. डेनमार्क के क्रिश्चियन केटल थॉमसन, भारत के शक्तिकान्त दास और स्विटजरलैंड के थॉमस जॉर्डन को केंद्रीय बैंकरों की ‘ए प्लस’ श्रेणी में रखा गया है. उनके काम को सबने काफी सराहा है. पत्रिका में कहा गया कि श्रेष्ठ बैंकरों ने महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया. जिससे काफी राहत मिली है.
बता दें ग्लोबल फाइनेंस 1994 से हर साल प्रकाशित होने वाले सेंट्रल बैंकर रिपोर्ट कार्ड, यूरोपीय संघ, पूर्वी कैरिबियन सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ सेंट्रल अफ्रीकन स्टेट्स और सेंट्रल बैंक ऑफ वेस्ट अफ्रीकन स्टेट्स सहित लगभग 100 देशों, क्षेत्रों और जिलों के केंद्रीय बैंक गवर्नरों को ग्रेड देते हैं.