मुश्किलों में नेस्ले, सेरेलैक प्रोडक्ट में ज्यादा चीनी मिलाने पर हो सकती है कार्रवाई
मामले की विस्तृत जानकारी के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा, Nestle पर सेरेलैक प्रोडक्ट्स यानी छोटे बच्चों से जुड़े प्रोडक्ट में चीनी मिलाने का आरोप लगा है
मशहूर एफएमसीजी ब्रांड नेस्ले (Nestle) इन दिनों मुश्किलों में हैं. उस पर सेरेलैक प्रोडक्ट्स (Cerelac) यानी छोटे बच्चों से जुड़े प्रोडक्ट में चीनी मिलाने का आरोप लगा है. इस सिलसिले में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने जांच शुरू कर दी है. मामले में दोषी पाए जाने पर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
एफएसएसएआई का कहना है कि अगर नेस्ले की गलती पाई गई तो नियामक संस्था ब्रांड के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी. मामले की विस्तृत जानकारी के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा. जैसे-जैसे जांच सामने आएगी, हितधारक कार्यवाही पर नजर रखेंगे. वहीं कंपनी पर लगे इन आरोपों पर नेस्ले ने भी अपनी सफाई दी है. उसका कहना है कि छोटे बच्चों के लिए तैयार किए जाने वाले प्रोडक्ट में कंपनी जरूरी चीजों का ध्यान रखती है. जिससे उनकी प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज, आयरन आदि जैसी पोषण संबंधी जरूरतें पूरी हो सके. कंपनी अपने उत्पादों की पोषण गुणवत्ता से कभी समझौता नहीं करती है और न ही करेगी.
नेस्ले इंडिया के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि कंपनी नियमों के पालन में कभी समझौता नहीं करेगी. हम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि भारत में निर्मित हमारे उत्पाद कोडेक्स मानकों (डब्ल्यूएचओ और एफएओ द्वारा स्थापित एक आयोग) के अनुसार हो. पिछले 5 वर्षों में, हमने पहले ही अतिरिक्त शर्करा में 30% तक की कमी कर दी है. हम नियमित रूप से अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करते हैं और पोषण, गुणवत्ता, सुरक्षा और स्वाद से समझौता किए बिना अतिरिक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए अपने उत्पादों में सुधार जारी रखते हैं.
क्या है विवाद?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेस्ले भारत सहित कम समृद्ध देशों में बेचे जाने वाले बच्चों के पाउडर मिल्क में चीनी मिलाती है, लेकिन यूरोप या यूके जैसे अपने प्राथमिक बाजारों में कंपनी ऐसा नहीं करती है. इस बात का खुलातसा तब हुआ जब स्विस जांच संगठन “पब्लिक आई” और आईबीएफएएन (इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क) ने कंपनी के एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में बेचे जाने वाले शिशु खाद्य पदार्थों के नमूने जांच के लिए बेल्जियम की प्रयोगशाला में भेजे थे.