कविता ऑफिस पहुंची ही थीं कि फोन बज उठा. नंबर अनजान था लेकिन कविता ने फोन लिया. एक भारी भरकम आवाज ने बड़े अपनेपन से कहा- कविता बेटा, मैं आपके पापा का दोस्त बोल रहा हूं. पापा को पैसे भेजने थे, उन्हें जा नहीं रहे तो उन्होंने कहा कि आपको भेज दूं. व्यक्ति ने कविता का फोन नंबर बोलते हुए कहा- बेटा चेक करो आपका नंबर यही है न? इसके बाद कविता के फोन में एक SMS आया जो बिल्कुल बैंक के मैसेज जैसा दिख रहा था. इसमें 30 हजार रुपए क्रेडिट होने की बात लिखी थी. इसके बाद व्यक्ति ने कहा, ‘बेटा आपको 3 हजार रुपए भेजने थे, गलती से 30 हजार चले गए. मैं अपनी UPI आईडी भेज रहा हूं. आप प्लीज बाकी पैसे वापस भेज दो. मैं डॉक्टर के पास आया हूं, उन्हें तुरंत पैसे देने हैं.’
कविता ने व्यक्ति की पूरी बात सुनी लेकिन पैसे वापस नहीं भेजे. कॉलर जिस तरह अर्जेंसी का माहौल बना रहा था, उससे कविता को शक हुआ और उन्होंने फोन काट दिया. कविता की तरह आप भी इस तरह की कॉल से अलर्ट रहें. इन दिनों पापा का दोस्त या कोई और रिश्तेदार का नाम लेकर पैसे लौटाने के बहाने वाले कॉल्स लोगों को ठगी का निशाना बना रहे हैं.
पिछले 3 साल में लगाया सवा लाख करोड़ का चूना
Indian Cybercrime Coordination Centre की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 3 साल में देश में 1.25 लाख करोड़ रुपए के डिजिटल फाइनेंशियल फ्रॉड यानी साइबर फ्रॉड हुए हैं. साइबर फ्रॉड के 100 तरीके हैं और इस तरह के फेक कॉल्स या SMS के जरिए की जाने वाली ठगी भी इसमें शामिल है.
कैसे बचें इन साइबर फ्रॉड से?
चलिए, अब समझते हैं कि इस तरह के साइबर फ्रॉड से कैसे बचा जाए. कॉल में पैसों के लेन-देन की जानकारी जब कोई दे तो सबसे पहले आप अपने बैंक अकाउंट को चेक करें कि क्या कोई अमाउंट क्रेडिट हुई है या नहीं? केवल SMS के नोटिफिकेशन पर भरोसा न करें क्योंकि इस नोटिफिकेशन पर गौर करेंगे तो आपको दिखेगा कि ऐसे मेसेज किसी नंबर से आएंगे. जबकि बैंक से मैसेज आने पर उसमें फोन नंबर नहीं दिखता, बस बैंक का नाम दिखता है. अगर कोई कहे कि आपके अकाउंट में पैसे क्रेडिट होने का मैसेज आया है तो तुरंत चेक करें कि उस मेसेज के सेंडर में बैंक का नाम है या फोन नंबर दिख रहा है?
कैसे करें फर्जी कॉल की पहचान?
इस तरह के कॉल की एक और पहचान ये है कि इनमें अर्जेंसी दिखाई जाती है. यानी अभी तुरंत आप उनकी कही हुई बात पर एक्ट करें. फोन करने वाले ठग आपको फील कराएंगे कि उन्हें पैसों की बहुत जरूरत है, कहीं फंसे हुए हैं वगैरह-वगैरह. इससे भी आपको अलर्ट हो जाना चाहिए. आप जैसे पलटकर कोई सवाल पूछेंगे, वो गोल-मोल जवाब देने लगेंगे. आप उनसे पूछ सकते हैं कि वो कहां से बोल रहे हैं. आपके पिता, पति, पत्नी, बच्चे या जिस भी व्यक्ति का वो हवाला दे रहे हैं, उसे वे कैसे जानते हैं, कब से जानते हैं, उनसे पैसे किसलिए लिए थे? साइबर ठग इन सवालों के लिए तैयार नहीं रहते, वो घबरा जाएंगे. जवाब दिया भी तो साफ-साफ जवाब नहीं होगा. कॉल में बातचीत के दौरान भेजे गए UPI आईडी या किसी लिंक पर क्लिक करने के लिए आपको तरह-तरह से फोर्स किया जाएगा, लेकिन ये गलती कभी न करें.
फर्जीवाड़े की यहां करें शिकायत
इस तरह के कॉल्स आने पर तुरंत साइबर सेल के टोल फ्री नंबर 1930 पर कंप्लेन करें. अपने परिचित से बात करके इस तरह की पेमेंट की बात को क्रॉस चेक करें और इस नंबर को आप अपने फोन पर ब्लॉक कर दें. इस तरह के फ्रॉड से बचने का एक ही तरीका है कि अनजान नंबर से आ रहे कॉल पर कभी भी तुरंत भरोसा न करें.