दुनिया में पहली बार AI को कंट्रोल करने के लिए बनेगा कानून

इससे यूजर्स को एआई से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा

दुनिया में पहली बार AI को कंट्रोल करने के लिए बनेगा कानून

यूरोपीय संसद ने बताया कि उसके मेंबर्स प्रस्तावित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्ट यानी एआई (AI एक्ट) पर एक ऐतिहासिक ‘प्रोविजनल एग्रीमेंट’ पर पहुंच गए हैं. यानी यूरोपियन यूनियन दुनिया में पहली बार AI को कंट्रोल करने के लिए कानून बनाने जा रहा है. इससे यूजर्स को एआई से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा. यूरोपीय संसद ने कहा कि इस रेगुलेशन का उद्देश्य इनोवेशन को बढ़ावा देने और यूरोप को इस सेक्टर में लीडर बनाने के साथ-साथ लोगों के मौलिक अधिकार, लोकतंत्र, कानून का शासन और पर्यावरणीय स्थिरता को सुरक्षित रखना है.

ग्लोबल फर्स्ट एग्रीमेंट 

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, इस नियम के तहत AI के प्रभाव और रिस्क के आधार पर उसके इस्तेमाल को तय किया जाएगा. यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि राजनीतिक एग्रीमेंट ग्लोबल फर्स्ट है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, ‘एआई एक्ट वैश्विक स्तर पर पहला है – AI के विकास के लिए यूनीक लीगल फ्रेमवर्क जिस पर आप लोगों और व्यवसायों की सुरक्षा और मौलिक अधिकारों के लिए भरोसा कर सकते हैं. हमने अपने राजनीतिक दिशानिर्देशों में एक कमिटमेंट ली और हमने उसे पूरा किया.’

नागरिकों के अधिकारों और लोकतंत्र के लिए खतरा!

गौरतलब है कि एआई कई मामले में जितना सहज है कई मामले में उतना ही खतरनाक भी . उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि AI के कुछ एप्लीकेशन द्वारा नागरिकों के अधिकारों और लोकतंत्र के लिए संभावित खतरे को पहचानते हुए, को-लेजिस्लेटर्स संवेदनशील विशेषताओं (राजनीतिक, धार्मिक, दार्शनिक विश्वास, सेक्सुअल ओरिएंटेशन, नस्ल) का उपयोग करने वाले बायोमेट्रिक कैटेगरी सिस्टम को बैन करने पर सहमत हुए.

क्या है नियम में?

इस एग्रीमेंट के तहत, फेस रिकग्निशन डेटाबेस, वर्कप्लेस और एजुकेशनल इंस्टिट्यूट में इमोशन रिकग्निशन और सोशल बिहेवियर या व्यक्तिगत विशेषताओं के आधार पर सोशल स्कोरिंग बनाने के लिए इंटरनेट या सीसीटीवी फुटेज से फेशियल इमेज की अनटारेगेटेड स्क्रैपिंग पर भी रोक लगाएगा.ये एग्रीमेंट उन AI सिस्टम को भी नियंत्रित करेगा जो लोगों की निजी स्वतंत्रता को ख़त्म करे और एआई का उपयोग लोगों की कमजोरियों (उनकी उम्र, विकलांगता, सामाजिक या आर्थिक स्थिति के कारण) का फायदा उठाने के लिए करते हैं.

हाई रिस्क जोन (स्वास्थ्य, सुरक्षा, मौलिक अधिकारों, पर्यावरण, लोकतंत्र और कानून के शासन को महत्वपूर्ण संभावित नुकसान की वजह से) में रखे गए AI कानून के लिए, सभी बिंदुओं को स्पष्ट पर भी सहमति भी व्यक्त की गई. संसद ने कहा कि चुनाव के नतीजों और मतदाता व्यवहार पर असर पर डालने के लिए उपयोग किये जाने वाले AI सिस्टम को भी हाई-रिस्क जोन में रखा गया है. दरअसल, चुनाव प्रचार के लिए भी एआई का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. नागरिकों को एआई सिस्टम के बारे में शिकायतें करने और हाई रिस्क वाले एआई सिस्टम पर आधारित निर्णयों के बारे में स्पष्टीकरण प्राप्त करने का अधिकार होगा ताकि उनके मौलिक अधिकार इससे प्रभावित न हो सकें.

Published - December 10, 2023, 03:59 IST